🔆💥 जय श्री राम 🔆💥
“ मनुष्य शाकाहारी प्राणी है ” कहानी ~ नमः वार्ता
एक बार एक चिंतनशील शिक्षक दिनेश ने अपने बच्चों से पूछा कि आप लोग कहीं जा रहे हैं और सामने से कोई कीड़ा मकोड़ा या कोई साँप छिपकली या कोई गाय-भैंस या अन्य कोई ऐसा विचित्र जीव दिख गया, जो आपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा हो, तो प्रश्न यह है कि
आप कैसे पहचानेंगे कि
वह जीव अंडे देता है या बच्चे ?
क्या पहचान है उसकी ?
अधिकांश बच्चे मौन रहे
जबकि कुछ बच्चों में बस आंतरिक खुसर-फुसर चलती रही
मिनट दो मिनट पश्चात फिर उस चिंतनशील शिक्षक दिनेश ने स्वयं ही बताया कि बहुत आसान है, जिनके भी कान बाहर दिखाई देते हैं वे सब बच्चे देते हैं और जिन जीवों के कान बाहर नहीं दिखाई देते हैं वे अंडे देते हैं
दिनेश ने फिर बच्चों से दूसरा प्रश्न पूछा कि–
ये बताइए आप लोगों के सामने एकदम कोई प्राणी आ गया... तो आप कैसे पहचानेंगे की यह शाकाहारी है या मांसाहारी ? क्योंकि आपने तो उसे पहले भोजन करते देखा ही नहीं,
बच्चों में फिर वही कौतूहल और खुसर फ़ुसर की आवाजें...
दिनेश ने कहा–
देखो बहुत आसान है, जिन जीवों की आँखों की बाहर की यानी ऊपरी संरचना गोल होती है, वे सब के सब माँसाहारी होते हैं , जैसे-कुत्ता, बिल्ली, बाज, चिड़िया, शेर, भेड़िया, चील या अन्य कोई भी आपके आस-पास का जीव-जंतु जिसकी आँखे गोल हैं वह माँसाहारी ही होगा है, ठीक उसी प्रकार जिसकी आँखों की बाहरी संरचना लंबाई लिए हुए होती है, वे सब के सब जीव शाकाहारी होते हैं ,
जैसे- हिरन, गाय, हाथी, बैल, भैंस, बकरी, इत्स्मरणि इनकी आँखे बाहर की बनावट में लंबाई लिए होती है।
दिनेश- "बच्चों अब ये बताओ कि मनुष्य की आँखें गोल हैं या लंबाई वाली" ?
इस बार सब बच्चों ने कहा कि मनुष्य की आंखें लंबाई वाली होती है।
दिनेश- "यह बताओ इस हिसाब से मनुष्य शाकाहारी जीव हुआ या माँसाहारी" ??
सब के सब बच्चों का उत्तर था शाकाहारी ।
दिनेश-"फिर मनुष्य में बहुत सारे लोग मांसाहार क्यों करते हैं "?
बच्चों ने बहुत ही गम्भीर उत्तर दिया कि अज्ञानतावश या मूर्खता के कारण।
दिनेश- "जानते हो जिन भी जीवों के नारक्त तीखे नुकीले होते हैं, वे सब के सब माँसाहारी होते हैं ,
जैसे- शेर, बिल्ली, कुत्ता, बाज, गिद्ध या अन्य कोई तीखे नुकीले नारक्तों वाला जीव "
और
"जिन जीवों के नारक्त चौड़े चपटे होते हैं वे सब के सब शाकाहारी होते हैं ,
जैसे-मनुष्य, गाय, घोड़ा, गधा, बैल, हाथी, ऊँट, हिरण, बकरी"
इस हिसाब से भी अब ये बताओ बच्चों कि मनुष्य के नारक्त तीखे नुकीले होते हैं या चौड़े चपटे ??
सभी बच्चों ने कहा कि
चौड़े चपटे
दिनेश- "अब ये बताओ इस हिसाब से मनुष्य कौन से जीवों की श्रेणी में हुआ" ??
सब के सब बच्चों ने एक सुर में कहा कि शाकाहारी ।
दिनेश- "जिन भी जीवों अथवा पशु-प्राणियों को पसीना आता है, वे सब के सब शाकाहारी होते हैं,
जैसे- घोड़ा, बैल, गाय, भैंस, खच्चर, आदि अनेकानेक प्राणी"
जबकि
माँसाहारी जीवों को पसीना नहीं आता है, इसलिए कुदरती तौर पर वे जीव अपनी जीभ निकाल कर लार टपकाते हुए हाँफते रहते हैं और इस प्रकार वे अपनी शरीर की गर्मी को नियंत्रित करते हैं।
तो अब प्रश्न यह उठता है कि
मनुष्य को पसीना आता है या मनुष्य जीभ से अपने तापमान को नियंत्रित करता है ??
सभी बच्चों ने कहा कि मनुष्य को पसीना आता है
दिनेश ने कहा कि अच्छा यह बताओ कि इस बात से भी मनुष्य कौन सा जीव सिद्ध हुआ
सब के सब बच्चों ने एक साथ कहा – "शाकाहारी"
अहिंसा में, सनातन धर्म, संस्कृति और परम्पराओं में विश्वास करने वाले लोग भी चाहे तो बच्चों को नैतिक-बौधिक ज्ञान देने अथवा सीखने-पढ़ाने के लिए इस प्रकार की बातचीत की शैली विकसित कर सकते हैं। इससे जो वे समझेंगे सीखेंगे वह उन्हें जीवनभर काम आएगा, स्मरण रहेगा, पढ़ते समय बोर भी नहीं होंगे-दिनेश बरेजा
_मेरे निजी विचार से जब अन्न नहीं उपजाया जाता था तब मनुष्य मांसाहार का सेवन करते थे ये बात सरासर गलत है तब मनुष्य कंद-मुल एवं फलों पर जीवित रहते थे_-दिनेश बरेजा
प्रेषक-
दिनेश बरेजा
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