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मंगलवार, 26 अक्टूबर 2021

सामान्य इतिहास प्रश्नोत्तर

​​#महत्वपूर्ण_युद्ध 

#हाईडेस्पीज का युद्ध (Battle of the Hydaspes)
🔻समय : 326 ई.पू.
🔻किसके बीच – सिकंदर और पंजाब के राजा पोरस के बीच हुआ, जिसमे सिकंदर की विजय हुई।

#कलिंग की लड़ाई (Kalinga War)
🔻समय : 261 ई.पू.
🔻किसके बीच – सम्राट अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया। युद्ध के रक्तपात को देखकर उसने युद्ध न करने की कसम खाई।

#सिंध की लड़ाई 
🔻समय : 712 ई.
🔻किसके बीच – मोहम्मद कासिम ने अरबों की सत्ता स्थापित की।

#तराईन का प्रथम युद्ध (Battles of Tarain) 
🔻समय : 1191 ई.
🔻किसके बीच – मोहम्मद गौरी और पृथ्वी राज चौहान के बीच हुआ, जिसमे चौहान की विजय हुई।

#तराईन का द्वितीय युद्ध (2nd Battles of Tarain)
🔻समय : 1192 ई.
🔻किसके बीच – मोहम्मद गौरी और पृथ्वी राज चौहान के बीच हुआ, जिसमे मोहम्मद गौरी की विजय हुई।

#चदावर का युद्ध (Battle of Chandawar)
🔻समय : 1194 ई.
🔻किसके बीच – इसमें मुहम्मद गौरी ने कन्नौज के राजा जयचंद को हराया।

#पानीपत का प्रथम युद्ध (First Battle of Panipat)
🔻समय : 1526 ई.
🔻किसके बीच – मुग़ल शासक बाबर और इब्राहीम लोधी के बीच।

#खानवा का युद्ध (Battle of Khanwa)
🔻समय : 1527 ई.
🔻किसके बीच –  राणा सांगा तथा बाबर के बीच ।

#घाघरा का युद्ध (Battle of Ghagra)
🔻समय : 1529 ई.
🔻किसके बीच – बाबर ने महमूद लोदी के नेतृत्व में अफगानों को हराया।

#चौसा का युद्ध (Battle of Chausal) 
🔻समय : 1539 ई.
🔻किसके बीच – शेरशाह सूरी ने हुमायु को हराया

रविवार, 25 अप्रैल 2021

भारत का गौरवमय इतिहास Pdf डाउनलोड

सभी भारत के गौरवमय अतीत को संक्षिप्त में पढ़ने के लिए इस पुस्तक को अवश्य पढ़े, जोकि बचपन में हमारे स्कूल के पुस्तकालय में मिली थी जो मुझे इतनी अच्छी लगी कि उसे अपने पास रख ली और आज बहुत दिनों के उपरांत जब इसे देखा तो मन ने कहा कि इस पीडीएफ में परिवर्तित कर सभी के लिए उपलब्ध करवा दूं, यदि अच्छी लगे पढ़ने में तो अपनी प्रतिक्रिया अवश्य देना।

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शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित आंदोलन एवं वर्ष

💫स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित आंदोलन एवं वर्ष💫
     
1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 
Ans-1885 ई. 

2. बंग-भंग आंदोलन(स्वदेशी आंदोलन) 
Ans-1905 ई. 

3. मुस्लिम लीग की स्थापना 
Ans-1906 ई. 

4.कांग्रेस का बंटवारा 
Ans-1907 ई. 

5. होमरूल आंदोलन 
Ans1916 ई. 

6. लखनऊ पैक्ट 
Ans-दिसंबर 1916 ई. 

7. मांटेग्यू घोषणा 
Ans-20 अगस्त 1917 ई. 

8. रौलेट एक्ट 
Ans-19 मार्च 1919 ई. 

9. जालियांवाला बाग हत्याकांड 
Ans-13 अप्रैल 1919 ई. 

10. खिलाफत आंदोलन 
Ans-1919 ई. 

11. हंटर कमिटी की रिपोर्ट प्रकाशित 
Ans-18 मई 1920 ई. 

12. कांग्रेस का नागपुर अधिवेशन 
Ans-दिसंबर 1920 ई. 

13. असहयोग आंदोलन की शुरुआत 
Ans-1 अगस्त 1920 ई. 

14. चौरी-चौरा कांड 
Ans-5 फरवरी 1922 ई. 

15. स्वराज्य पार्टी की स्थापना 
Ans-1 जनवरी 1923 ई. 

16. हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन 
Ans-अक्टूबर 1924 ई. 
     
17. साइमन कमीशन की नियुक्ति 
Ans-8 नवंबर 1927 ई. 

18. साइमन कमीशन का भारत आगमन 
Ans-3 फरवरी 1928 ई. 

19. नेहरू रिपोर्ट 
Ans-अगस्त 1928 ई. 

20. बारदौली सत्याग्रह 
Ans-अक्टूबर 1928 ई. 

21. लाहौर पड्यंत्र केस 
Ans-8 अप्रैल 1929 ई. 

22. कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन 
Ansदिसंबर 1929 ई. 

23. स्वाधीनता दिवस की घोषणा 
Ans-2 जनवरी 1930 ई. 

24. नमक सत्याग्रह 
Ans-12 मार्च 1930 ई. से 5 अप्रैल 1930 ई. तक 

25. सविनय अवज्ञा आंदोलन 
Ans-6 अप्रैल 1930 ई. 

26. प्रथम गोलमेज आंदोलन 
Ans-12 नवंबर 1930 ई. 

27. गांधी-इरविन समझौता 
Ans-8 मार्च 1931 ई. 

28.द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 
Ans-7 सितंबर 1931 ई. 

29. कम्युनल अवार्ड (साम्प्रदायिक पंचाट) 
Ans-16 अगस्त 1932 ई. 

30.पूना पैक्ट 
Ans-सितंबर 1932 ई. 

31. तृतीय गोलमेज सम्मेलन 
Ans-17 नवंबर 1932 ई. 

32. कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन 
Ans-मई 1934 ई. 

33. फॉरवर्ड ब्लाक का गठन 
Ans-1 मई 1939 ई. 

34. मुक्ति दिवस 
Ans-22 दिसंबर 1939 ई. 

35. पाकिस्तान की मांग 
Ans-24 मार्च 1940 ई. 

36. अगस्त प्रस्ताव 
Ans-8 अगस्त 1940 ई. 

37. क्रिप्स मिशन का प्रस्ताव 
Ans-मार्च 1942 ई. 

38. भारत छोड़ो प्रस्ताव 
Ans-8 अगस्त 1942 ई. 

39. शिमला सम्मेलन 
Ans-25 जून 1945 ई. 

40. नौसेना का विद्रोह 
Ans-19 फरवरी 1946 ई. 

41. प्रधानमंत्री एटली की घोषणा 
Ans-15 मार्च 1946 ई. 

42. कैबिनेट मिशन का आगमन 
Ans-24 मार्च 1946 ई. 

43. प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस 
Ans-16 अगस्त 1946 ई. 

44. अंतरिम सरकार की स्थापना 
Ans-2 सितंबर 1946 ई. 

45. माउंटबेटन योजना 
Ans-3 जून 1947 ई. 
       
46. स्वतंत्रता मिली 
Ans-15 अगस्त 1947 ई. 

प्रश्न:- स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल कौन थे? 
उत्तर:- लार्ड माउंटबेटन। 

प्रश्न:- भारत के प्रथम वायसराय कौन थे? 
उत्तर:- लॉर्ड कैनिंग। 

प्रश्न:- भारत की प्रथम महिला राजदूत कौन थी? 
उत्तर:- विजयलक्ष्मी पंडित। 

प्रश्न:- भारत के प्रथम परमाणु रिएक्टर का क्या नाम है? 
उत्तर:- अप्सरा। 

प्रश्न:- भारत की प्रथम महिला पायलट कौन थी? 
उत्तर:- प्रेमा माथुर। 

प्रश्न:- भारतीय वायुसेना की प्रथम महिला पायलट? 
उत्तर:- हरिता कौर देओल।
 
प्रश्न:- भारतीय वायुसेना का प्रथम अधिकारी जिसने परमवीर चक्र प्राप्त किया? 
उत्तर:- निर्मलजीत सेंखो। 

प्रश्न:- भारत की प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष? 
उत्तर:- मीरा कुमार। 

प्रश्न:- भारत के प्रथम साम्यवादी लोकसभा अध्यक्ष कौन थे? 
उत्तर:- सोमनाथ चटर्जी। 

प्रश्न:- भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त कौन थे? 
उत्तर:- सुकुमार सेन। 

प्रश्न:- भारत के पहले गृह मंत्री कौन थे? 
उत्तर:- सरदार वल्लभ भाई पटेल। 

प्रश्न:- भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे? 
उत्तर:- सरदार बलदेव सिंह। 

प्रश्न:- भारत के पहले वित्त मंत्री कौन थे? 
उत्तर:- आर.के. षंमुखम चेट्टी। 

प्रश्न:- भारत किए पहले केन्द्रीय शिक्षा मंत्री कौन थे? 
उत्तर:- मौलाना अबुल कलाम आजाद।
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इतिहास की प्रमुख घटनाएँ एवं उसके घटित वर्ष

इतिहास की प्रमुख घटनाएँ एवं उसके घटित वर्ष 
 
♦️भारत में आर्यों का आगमन :- 1500 ई०पू०

♦️महावीर का जन्म - 540 ई०पू०

♦️महावीर का निर्वाण - 468 ई०पू०

♦️गौतम बुद्ध का जन्म - 563 ई०पू०

♦️गौतम बुद्ध का महापरिवार्न - 483 ई०पू०

♦️सिकंदर का भारत पर आक्रमण - 326-325 ई०पू०

♦️अशोक द्वारा कलिंग पर विजय - 261 ई०पू०

♦️विक्रम संवत् का आरम्भ - 58 ई०पू०

♦️शक् संवत् का आरम्भ - 78 ई०पू०

♦️हिजरी संवत् का आरम्भ -  622 ई०

♦️फाह्यान की भारत यात्रा - 405-11 ई०

♦️हर्षवर्धन का शासन -  606-647 ई०

♦️हेनसांग की भारत यात्रा - 630 ई०

♦️सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण - 1025 ई०

♦️तराईन का प्रथम युद्ध - 1191 ई०

♦️तराईन का द्वितीय युद्ध - 1192 ई०

♦️गुलाम वंश की स्थापना - 1206 ई०

♦️वास्कोडिगामा का भारत आगमन - 1498 ई०

♦️पानीपत का प्रथम युद्ध - 1526 ई०

♦️पानीपत का द्वितीय युद्ध - 1556 ई०

♦️पानीपत का तृतीय युद्ध - 1761 ई०

♦️अकबर का राज्यारोहण - 1556 ई०

♦️हल्दी घाटी का युद्ध - 1576 ई०

♦️दीन-ए-इलाही धर्म की स्थापना - 1582 ई०

♦️प्लासी का युद्ध - 1757 ई०

♦️बक्सर का युद्ध - 1764 ई०

♦️बंगाल में स्थायी बंदोबस्त -  1793 ई०

♦️बंगाल में प्रथम विभाजन - 1905 ई०

♦️मुस्लिम लीग की स्थापना - 1906 ई०

♦️मार्ले - मिन्टो सुधार - 1909 ई०

♦️प्रथम विश्वयुद्ध - 1914 -18 ई०

♦️द्वितीय विश्वयुद्ध - 1939 - 45 ई०

♦️असहयोग आंदोलन - 1920 - 22 ई०

♦️साइमन कमीशन का आगमन - 1928 ई०

♦️दांडी मार्च नमक सत्याग्रह - 1930 ई०

♦️गाँधी इरविन समझौता - 1931 ई०

♦️कैबिनेट मिशन का आगमन - 1946 ई०

♦️महात्मा गांधी की हत्या - 1948 ई०

♦️चीन का भारत पर आक्रमण 1962 ई०

♦️भारत - पाक युद्ध - 1965 ई०

♦️ताशकंद- समझौता - 1966 ई०

♦️तालिकोटा का युद्ध -  1565 ई०

♦️प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध - 1776- 69 ई०

♦️द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध - 1780- 84 ई०

♦️तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध - 1790- 92 ई०

♦️चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध - 1799 ई०

♦️कारगिल युद्ध -  1999 ई०

♦️प्रथम गोलमेज सम्मेलन - 1930 ई०

♦️द्वितीय गोलमेज सम्मेलन - 1931 ई०

♦️तृतीय गोलमेज सम्मेलन - 1932 ई०

♦️क्रिप्स मिशन का आगमन - 1942 ई०

♦️चीनी क्रांति - 1911 ई०

♦️फ्रांसीसी क्रांति - 1789 ई०

♦️रुसी क्रांति - 1917 ई०

इतिहास पगड़ी संभाल आंदोलन



वर्ष 1907 में पगड़ी संभाल आंदोलन शुरू करने वाले सरदार अजीत सिंह की स्मृति में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 23 फरवरी, 2021 को पगड़ी संभाल दिवस के रूप में मनाया।

उल्लेखनीय है दिल्ली में चल रहे विरोध प्रदर्शन के भाग के रूप में किसान संगठनों द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि संसद द्वारा पारित कृषि कानून किसानों को अपनी ज़मीन कॉरपोरेट्स को बेचने के लिये मजबूर करेंगे। किसान संगठनों की यह शिकायत वर्ष 1907 में किसान संगठनों द्वारा की गई शिकायत के समान है जिसके परिणामस्वरूप पगड़ी संभाल आंदोलन की शुरुआत हुई थी।

प्रमुख बिंदु

पगड़ी संभाल आंदोलन:

आंदोलन के विषय में:

यह एक सफल किसान आंदोलन था जिसने वर्ष 1907 में ब्रिटिश सरकार को कृषि से संबंधित तीन कानूनों को रद्द करने के लिये विवश किया। ये तीन कानून थे-

पंजाब भूमि अलगाव अधिनियम (Punjab Land Alienation Act) 1900, पंजाब भूमि उपनिवेशीकरण अधिनियम (Punjab Land Colonisation Act) 1906 और दोआब बारी अधिनियम (Doab Bari Act) 1907।
इन अधिनियमों के चलते किसान भूमि के मालिक न रहकर भूमि के ठेकेदार/अनुबंधक बन जाते और यदि किसान अनुमति लिये बिना अपने खेत में एक पौधा भी छू लेता तो ब्रिटिश सरकार उस किसान को आवंटित भूमि वापस ले सकती थी।

आंदोलन का नारा:

'पगड़ी संभाल जट्टा' का नारा तथा आंदोलन का नाम जंग स्याल (Jang Sayal) अखबार के संपादक बांके लाल के गीत से प्रेरित था।

आंदोलन के नेतृत्वकर्त्ता:

इस आंदोलन के प्रमुख नेतृत्वकर्त्ता भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह थे जिन्होंने कृषि कानूनों से नाराज़ किसानों को संगठित करने का कार्य किया।
भगत सिंह के पिता किशन सिंह और चाचा अजीत सिंह ने अपने क्रांतिकारी मित्र घसीटा राम के साथ मिलकर भारत माता सोसाइटी (Bharat Mata Society) का गठन किया। इस सोसाइटी का उद्देश्य किसानों में व्याप्त नाराज़गी को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ एक आंदोलन का रूप देना था।

गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

इतिहास प्रश्नोत्तरी

1. सांची के स्तूप का निर्माण किसने कराया
-- अशोक ने

2. मेगस्थनीज ने किसके दूत के रूप चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में 
आया था
-- सेल्यूकस

3. मुद्रा राक्षस किसने लिखी थी
-- विशाखदत्त

4. अशोक ने अपने पुत्र महेन्द्र व पुत्री संघमित्रा को कहां भेजा
-- श्रीलंका

5. कौनसा मौर्य सम्राट जैन धर्म ग्रहण करके श्रवण बेलगोला 
चला गया
-- चन्द्रगुप्त मौर्य


6. अन्तिम मौर्य समा्रट कौन था
-- बृहद्रथ

7. महाभाष्य के लेखक
-- पंतजलि

8. पंतजालि किसके दरबार में था
-- पुष्यमित्र शुंग के

9. कनिष्क किस वंश का शासक था
-- कुषागवंश का

10. कनिष्क की राजधानी कहां थी
-- पुरूषपुर

11. भारत में सबसे पहले सूर्य किस राज्य में निकलता है?
-- अरुणाचल प्रदेश 

12. भारत का सर्वोच सम्मान कौन सा है?
-- भारत रत्न

इतिहास वर्ष

 Indian History Questions 

✅फॉरवर्ड ब्लाक का गठन→1 मई 1939 ई.

✅कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन→मई 1934 ई.

✅तृतीय गोलमेज सम्मेलन→17 नवंबर 1932 ई.

✅पूना पैक्ट→सितंबर 1932 ई

✅कम्युनल अवार्ड (साम्प्रदायिक पंचाट)→16 अगस्त 1932 ई.

✅द्वितीय गोलमेज सम्मेलन→7 सितंबर 1931 ई.

✅गांधी-इरविन समझौता→8 मार्च 1931 ई.

✅प्रथम गोलमेज आंदोलन→12 नवंबर 1930 ई.

✅सविनय अवज्ञा आंदोलन→6 अप्रैल 1930 ई.

✅नमक सत्याग्रह→12 मार्च 1930 ई. से 5 अप्रैल 1930ई. तक

✅स्वाधीनता दिवस की घोषणा→2 जनवरी 1930 ई.

✅कांग्रेस का लाहौर अधिवेशनदिसंबर -1929 ई.

✅लाहौर पड्यंत्र केस→8 अप्रैल 1929 ई.

✅बारदौली सत्याग्रह→अक्टूबर 1928 ई.

✅नेहरू रिपोर्ट→अगस्त 1928 ई.

✅साइमन कमीशन का भारत आगमन→3 फरवरी 1928 ई.

✅साइमन कमीशन की नियुक्ति→8 नवंबर 1927 ई.

✅हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन→अक्टूबर 1924 ई.

✅स्वराज्य पार्टी की स्थापना→1 जनवरी 1923 ई.

✅चौरी-चौरा कांड→5 फरवरी 1922 ई.

✅असहयोग आंदोलन की शुरुआत→1 अगस्त 1920 ई.

✅कांग्रेस का नागपुर अधिवेशन→दिसंबर 1920 ई.

✅हंटर कमिटी की रिपोर्ट प्रकाशित→18 मई 1920 ई.

✅खिलाफत आंदोलन→1919 ई.

✅जालियांवाला बाग हत्याकांड→13 अप्रैल 1919 ई.

✅रौलेट एक्ट→19 मार्च 1919 ई.

✅मांटेग्यू घोषणा→20 अगस्त 1917 ई.

✅लखनऊ पैक्ट→→→दिसंबर 1916 ई.

✅होमरूल आंदोलन-1916 ई.

✅कांग्रेस का बंटवारा→1907 ई.

✅मुस्लिम लीग की स्थापना→1906 ई.

✅बंग-भंग आंदोलन(स्वदेशी आंदोलन)→1905 ई.

✅भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना→1885 ई

सामाजिक सुधार अधिनियम

सामाजिक सुधार अधिनियम

▪शिशुवध प्रतिबन्ध (अधिनियम)
व-वेलेजली (गवर्नर जनरल)
वर्ष- 1798 -1805 ई. 
विषय-शिशु हत्या पर प्रतिबन्ध।

▪ऐज ऑफ़ कन्सेट एक्ट (अधिनियम)
ड-डाउन अर्थात लैंस डाउन (गवर्नर जनरल)
वर्ष-1891 ई. 
विषय-लड़की में लिए विवाह की आयु 12 वर्ष निर्धारित।

▪शारदा एक्ट (अधिनियम)
ई-इरविन (गवर्नर जनरल)
वर्ष-1930 ई. 
विषय-लड़की के लिए विवाह की आयु 18 वर्ष निर्धारित।

▪हिन्दू विधवा पुनर्विवाह (अधिनियम)
लके-लॉर्ड केनिंग (गवर्नर जनरल)
वर्ष-1856 ई. 
विषय-विधवा विवाह की अनुमति।

▪दास प्रथा पर प्रतिबन्ध (अधिनियम)
ए-एलनबरो (गवर्नर जनरल)
वर्ष-1843 ई. 
विषय-1833 ई. के चार्टर अधिनियम द्वारा 1843 ई. में दासता को प्रतिबंधित कर दिया गया।

▪सती प्रथा प्रतिबन्ध (अधिनियम)
ब-लार्ड विलियम बैंटिक (गवर्नर जनरल)
वर्ष-1829 ई. 
विषय-सती प्रथा पर पूर्ण प्रतिबन्ध।

▪नै-नैटिव मैरिज एक्ट (अधिनियम)
ना-नार्थ ब्रुक (गवर्नर जनरल)
वर्ष-1872 ई. 
विषय-अन्तर्जातीय विवाह।

मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

इति, GK



प्रश्‍न 1 – 31 दिसम्‍बर, 1929 को अर्धरात्रि में भारतीय राष्‍ट्रध्‍वज को किसने फहराया था?
 उत्‍तर – जवाहरलाल नेहरू ने

प्रश्‍न 2– 1921 में मोपला विद्रोह कहाँ हुआ था?
 उत्‍तर – मालावार में

प्रश्‍न 3 – महात्‍मा गांधी ने किस अंग्रेजी साप्‍ताहिक समाचार-पत्र का सम्‍पादन किया था? 
उत्‍तर – यंग इण्डिया का

प्रश्‍न 4– 'भारतीय असंतोष का जनक' किसे कहा गया था
उत्‍तर – बाल गंगाधर तिलक

प्रश्‍न 5– भारतीय स्‍वतंत्रता की घोषणा किस ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने की थी? 
उत्‍तर – एटली ने

इतिहास एवं संस्कृति से महत्वपूर्ण प्रश्न



⭕ सिंधु घाटी सभ्यता की खोज कब हुई ?
👉 1922

⭕ सिंधु घाटी सभ्यता का काल लगभग क्या हैं ?
👉 2500 बी.सी

⭕ हड़प्पा सभ्यता कहाँ तक फैली गई थी ?
👉 सिंधु, राजस्थान, गुजरात तक

⭕ हड़प्पा के लोग किसके साथ ब्यापार करते थे ?
👉 सुमेर

⭕ सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के बारे में निम्न में से किसी पूजा करने के विषय में जानकारी प्राप्त हुई हैं?
👉 वृक्ष तथा पशु, मातृदेवी, भगवान शिव

⭕ सबसे पुराना वेद कौन-सा हैं ?
👉 ऋग्वेद

⭕ आर्य लोग भारत में कहाँ से आये ?
👉 मध्य एशिया

⭕ प्रसिद्ध कानून-निर्माता किसको माना जाता हैं ?
👉 मनु

⭕ आर्यों के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं हैं ?
👉 आर्य लोग संस्कृत बोलते थे

⭕ महात्मा बुद्ध का जन्म कहाँ हुआ था ?
👉 लुंबिनी

⭕ महात्मा बुद्ध  जन्म कब हुआ था ?
👉 563 बी.सी.

⭕ महात्मा बुद्ध का देहावसान किस स्थान पर हुआ था ?
👉 कुशीनगर

⭕ महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति किस उम्र में हुई ?
👉 35 वर्ष

⭕ बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात कहाँ दिया ?
👉 सारनाथ

⭕ जातक कथाएँ हमें किनके जीवनों के विषय में बताती हैं ?
👉 बोधिसत्वों के विषय में

⭕ महावीर कब और कहाँ पैदा हुए ?
👉 6 शताब्दी बी.सी. मगध में

⭕ महावीर का किस वंश/जाति में जन्म हुआ ?
👉 लिच्छवि जाति

⭕ जैन धर्म के संस्थापक महावीर के विषय में कहां जाता हैं कि वे अन्य कई ऋषियों के बाद आये वे कितने थे ?
👉 23

⭕ सिकंदर भारत पर कब आक्रमण किया ?
👉 326-327 बी.सी.

ट्रिक_ अशोक के शिलालेखों के प्राप्ति स्थल

 अशोक के शिलालेखों के प्राप्ति स्थल

Trick: शाम को जो सोऐ गधा

➭ शा➖शाहबाजगढी, पाकिस्तान
➭ म➖मान सेहरा, पाकिस्तान

➭ को➖कालसी, उत्तराखंड (भारत)

➭ जो➖जौगढ, उडीसा (भारत)

➭ सो➖सोपरा, महाराष्ट्र (भारत)
➭ ऐ➖एर्रगुडी, आन्ध्र प्रदेश (भारत)

➭ ग➖गिरनार, राजस्थान (भारत)
➭ धा➖धौली, उडीसा (भारत)

जलियाँवाला बाग हत्याकांड





प्रमुख बिंदु

जलियाँवाला बाग हत्याकांड के विषय में:

13 अप्रैल, 1919 को जलियाँवाला बाग में आयोजित एक शांतिपूर्ण बैठक में शामिल लोगों पर ब्रिगेडियर जनरल रेगीनाल्ड डायर ने गोली चलाने का आदेश दिया था, जिसमें हज़ारों निहत्थे पुरुष, महिलाएँ और बच्चे मारे गए थे।


जलियाँवाला बाग हत्याकांड के लिये उत्तरदायी कारक:

अप्रैल 1919 का नरसंहार एक ऐसी घटना थी जिसके पीछे कई कारक काम कर रहे थे।

भारत में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार प्रथम विश्व युद्ध (1914–18) के दौरान राष्ट्रीय गतिविधियों को रोकने लिये कई दमनकारी कानून लाई।

अराजक और क्रांतिकारी अपराध अधिनियम (Anarchical and Revolutionary Crimes Act), 1919 जिसे रॉलेट एक्ट या काला कानून (Rowlatt Act or Black Act) के नाम से भी जाना जाता है, को 10 मार्च 1919 को पारित किया गया। सरकार को अब किसी व्यक्ति को जो देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त था और जिससे देशव्यापी अशांति फैलने का डर था, बिना मुकदमा चलाए कैद करने का अधिकार मिल गया।

13 अप्रैल, 1919 को सैफुद्दीन किचलू और डॉ. सत्यपाल की रिहाई का अनुरोध करने के लिये जलियाँवाला बाग में लगभग 10,000 पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की भीड़ जमा हुई।
हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक दोनों प्रमुख नेताओं को रॉलेट एक्ट के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध करने पर गिरफ्तार करके शहर से बाहर भेज दिया गया था।

ब्रिगेडियर- जनरल डायर ने अपने सैनिकों के साथ घटनास्थल पर पहुँचकर सभा को घेर लिया और वहाँ से बाहर जाने के एकमात्र मार्ग को अवरुद्ध कर अपने सिपाहियों को प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के लिये कहा।


जलियाँवाला बाग हादसे के बाद की स्थिति:

भविष्य में किसी भी विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिये सरकार ने पंजाब में मार्शल लॉ लागू कर दिया, जिसमें सार्वजनिक झंडे और अन्य अपमान शामिल थे। इस घटना की खबर सुनकर भारतीयों में नाराजगी बढ़ गई और पूरे उपमहाद्वीप में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गएँ।
बंगाली कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1915 में अपनी नाइटहुड की उपाधि को त्याग दिया।
महात्मा गांधी ने कैसर-ए-हिंद की उपाधि वापस कर दी, जिसे इन्हें बोअर युद्ध (Boer War) के दौरान अंग्रेज़ों द्वारा दिया गया था।

14 अक्तूबर, 1919 को भारत सरकार ने डिसऑर्डर इन्क्वायरी कमेटी (Disorders Inquiry Committee) के गठन की घोषणा की। यह समिति लॉर्ड विलियम हंटर की अध्यक्षता के चलते उनके नाम पर हंटर कमीशन (Hunter Commission) के नाम से जानी जाती है। इसमें भारतीय भी सदस्य थे।
मार्च 1920 में प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट में समिति ने सर्वसम्मति से डायर के कृत्यों की निंदा की और उसे अपने पद से इस्तीफा देने का निर्देश दिया।

भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस ने अपनी गैर-आधिकारिक समिति नियुक्त की जिसमें मोतीलाल नेहरू, सी. आर. दास, अब्बास तैयब जी, एम. आर. जयकर और गांधी को शामिल किया गया था।
महात्मा गांधी ने जल्द ही अपने पहले बड़े अहिंसक सत्याग्रह अभियान, असहयोग आंदोलन (Non Cooperation Movement- 1920-22) को शुरू किया, जो 25 वर्ष बाद भारत के ब्रिटिश शासन को समाप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

इति ० पानीपत का युद्ध

पानीपत का युद्ध


पानीपत का प्रथम युद्ध (1526)


युद्ध 


पानीपत का प्रथम युद्ध (अप्रैल 1526) पानीपत के निकट लड़ा गया था। पानीपत वह स्थान है जहाँ बारहवीं शताब्दी के बाद से उत्तर भारत पर नियंत्रण को लेकर कई निर्णायक लड़ाइयाँ लड़ी गईं।

पानीपत के प्रथम युद्ध ने ही भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी। 
यह उन पहली लड़ाइयों में से एक थी जिसमें मुगलों ने बारूद, आग्नेयास्त्रों और तोपों का प्रयोग किया।

पानीपत का प्रथम युद्ध ज़हीर-उद्दीन बाबर और दिल्ली के लोदी वंश के सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था। 

इस युद्ध में ज़हीर-उद्दीन बाबर ने लोदी को परास्त किया था।

सैन्य बल 


बाबर की सेना में लगभग 15,000 सैनिक और 20 से 24 तोपें थीं। 
इब्राहिम लोदी की सेना में लगभग 30,000 से 40,000 सैनिक और कम-से-कम 1000 हाथी थे।

बाबर की रणनीति


अस्र-शस्र ही नहीं बल्कि बाबर की तुलुगमा और अरबा (Araba) की रणनीति ने भी उसे जीत के लिये प्रेरित किया।

तुलुगमा युद्ध नीति: 

इसका अर्थ था पूरी सेना को विभिन्न इकाइयों- बाएँ, दाहिने और मध्य में विभाजित करना।
बाएँ और दाहिने भाग को आगे तथा अन्य टुकड़ियों को पीछे के भाग में विभाजित करना।
इसमें दुश्मन को चारों तरफ से घेरने के लिये एक छोटी सेना का उपयोग किया जा सकता था।

अरबा युद्ध नीति: 

केंद्रीय फ़ॉरवर्ड डिवीज़न को तब बैलगाड़ियाँ (अरबा) प्रदान की जाती थीं जिन्हें दुश्मन का सामना करने वाली पंक्ति में रखा जाता था और ये जानवरों की चमड़ी से बनी रस्सियों से एक-दूसरे से बंधे होते थे।
अरबा के पीछे तोपों को रखा जाता था, ताकि पीछे छिपकर दुश्मनों पर प्रहार किया जा सके।

युद्ध का परिणाम

काबुलिस्तान के तिमुरिद शासक (Timurid Ruler of Kabulistan) बाबर के मुगल सेना ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी की विशाल सेना को हराया।
इस जीत ने बाबर को भारतीय मुगल साम्राज्य की नींव रखने में सक्षम बनाया।
इब्राहिम लोदी की मृत्यु युद्ध के मैदान में ही हो गई थी और सामंतों तथा सेनापतियों (वे सिपाही जो दूसरे मुल्क में लड़ाई के लिये रखे जाते थे) ने लोदी को वहीं छोड़ दिया।
उनमें से अधिकांश ने दिल्ली के नए शासक के आधिपत्य को स्वीकार कर लिया।


   पानीपत का द्वितीय युद्ध (1556)

पानीपत का दूसरा युद्ध 5 नवंबर, 1556 को उत्तर भारत के हिंदू शासक सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य (लोकप्रिय नाम- हेमू ) और अकबर की सेना के बीच पानीपत के मैदान में लड़ा गया था। अकबर के सेनापति खान जमान और बैरम खान के लिये यह एक निर्णायक जीत थी।

इस युद्ध के फलस्वरूप दिल्ली पर वर्चस्व के लिये मुगलों और अफगानों के बीच चले संघर्ष में अंतिम निर्णय मुगलों के पक्ष में हो गया और अगले तीन सौ वर्षों तक सत्ता मुगलों के पास ही रही।

पृष्ठभूमि


सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य या हेमू दिल्ली का अंतिम हिंदू सम्राट था, जिसने दिल्ली के लिये युद्ध में अकबर/हुमायूँ की सेना को हराया था।

हेमू वर्तमान हरियाणा के रेवाड़ी का था। हेमू सन् 1545 से 1553 तक शेरशाह सूरी के पुत्र इस्लाम शाह का सलाहकार भी रहा।

उसने सन् 1553 से 1556 के दौरान इस्लाम शासन के महामात्य (Prime Minister) और इस्लाम शाह के सेनानायक (Chief of Army) के रूप में 22 युद्ध जीते, जो कि सूरी शासन के विरुद्ध अफगान विद्रोहियों के विद्रोह को समाप्त करने के लिये लड़े गए थे।
24 जनवरी, 1556 को मुगल शासक हुमायूँ की दिल्ली में मृत्यु हो गई और उसके पुत्र अकबर को उत्तराधिकारी बना दिया गया। उस समय अकबर मात्र तेरह वर्ष का था। 

14 फरवरी, 1556 को पंजाब के कलानौर में अकबर का राज्याभिषेक किया गया।
राज्याभिषेक के समय मुगल शासन काबुल, कंधार, दिल्ली और पंजाब के कुछ हिस्सों तक सीमित था।

युद्ध 

अकबर और उसके संरक्षक बैरम खान ने युद्ध में भाग नहीं लिया तथा वह युद्ध क्षेत्र से 5 कोस (8 मील) दूर तैनात थे।
बैरम खान ने 13 वर्षीय बाल राजा को व्यक्तिगत रूप से युद्ध के मैदान में उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी, इसके बजाय उसे 5000 अच्छी तरह से प्रशिक्षित और सबसे वफादार सैनिकों के एक विशेष गार्ड के साथ सुरक्षा प्रदान की गई थी और वह युद्ध के मैदान से एक सुरक्षित दूरी पर तैनात था। 
मुगलों की एक अग्रगामी सेना की टुकड़ी में 10,000 घुड़सवार होते थे, जिनमें से 5000 अनुभवी सैनिक थे जो हेमू की अग्रिम पंक्ति की सेना से लड़ने के लिये तैयार थे।
हेमू ने अपनी सेना का नेतृत्व स्वयं किया। हेमू की सेना 1500 हाथियों और उत्कृष्ट तोपखाने से सुसज्जित थी।
हेमू 30,000 की सुप्रशिक्षित राजपूत और अफगान अश्वारोही सेना के साथ उत्कृष्ट क्रम में आगे बढ़ा।

युद्ध का परिणाम


हेमू अपने सैन्य बल से युद्ध में जीत की ओर बढ़ रहा था लेकिन अकबर की सेना ने हेमू की आँख में तीर मारकर उसे घायल कर दिया जिससे वह बेहोश हो गया और यह घटना युद्ध में जीत की ओर बढ़ रहे हेमू की हार का कारण बन गई।

हेमू को हौदा (घोड़े की पीठ पर सवारी के लिये गद्दी) पर न देखकर हेमू की सेना में खलबली मच गई और इसी भ्रम की स्थिति के कारण वह हार गई।

युद्ध समाप्त होने के कई घंटे बाद हेमू को मृत अवस्था में पाया गया और उसे शाह कुली खान महरम (Shah Quli Khan Mahram) द्वारा पानीपत के शिविर में अकबर के डेरे पर लाया गया।

हेमू के समर्थकों ने उसके शिरश्छेदन (Beheading) स्थल पर एक स्मारक का निर्माण कराया जो आज भी पानीपत में जींद रोड पर स्थित सौंधापुर (Saudhapur) गाँव में मौजूद है।


  पानीपत का तृतीय युद्ध (1761)


पानीपत का तीसरा युद्ध 14 जनवरी, 1761 को पानीपत में दिल्ली से लगभग 60 मील (95.5 किमी) उत्तर में मराठा साम्राज्य और अफगानिस्तान के अहमद शाह अब्दाली जिसे अहमद शाह दुर्रानी भी कहा जाता है, के बीच हुआ था।

इस युद्ध में दोआब के रोहिला अफगान और अवध के नवाब शुजा-उद-दौला ने अहमद शाह अब्दाली का साथ दिया।

सैन्य बल


सैन्य दृष्टि से सेना ने युद्ध में अफ़गान और रोहिलों की भारी घुड़सवार सेना व तोपखाने (ज़बुरक तथा जेज़ाइल) जिसका नेतृत्व अहमद दुर्रानी और नजीब-उद-दौला ने किया, ने मराठों की फ्रांसीसी आपूर्ति वाली तोपखाने व घुड़सवार सेना को परास्त कर दिया।
18वीं सदी में हुए युद्धों में इसे सबसे बड़ा युद्ध माना जाता है जिसमें दो सेनाओं के बीच युद्ध में एक ही दिन में सबसे बड़ी संख्या में मौतें हुई थी।

पृष्ठभूमि

27 वर्ष के मुगल-मराठा युद्ध (1680-1707) के बाद मुगल साम्राज्य के पतन के कारण मराठा साम्राज्य ने तेजी से विस्तार किया।
पेशवा बाजीराव ने गुजरात और मालवा पर नियंत्रण कायम कर लिया था।
आखिरकार वर्ष 1737 में बाजीराव ने दिल्ली के बाहरी इलाके में मुगलों को हरा दिया और मराठा नियंत्रण के तहत दक्षिण के पूर्व मुगल प्रदेशों का अधिकांश भाग अपने कब्ज़े में कर लिया।
इससे अहमद शाह अब्दाली के दुर्रानी साम्राज्य के साथ मराठों का सीधा टकराव हुआ।
वर्ष 1759 में उसने पश्तून जनजातियों (Pashtun Tribes) की एक सेना तैयार की जिससे पंजाब में छोटे मराठा सरदारों के खिलाफ कार्रवाई में लाभ प्राप्त हुआ।
इसके बाद उसने अपने भारतीय सहयोगियों के साथ मिलकर मराठों के खिलाफ एक व्यापक गठबंधन में गांगेय दोआब के रोहिला अफगानों (Rohilla Afghans of the Gangetic Doab) को शामिल किया।
शुजा-उद-दौला की भूमिका
मराठों के साथ-साथ अफगानों ने भी अवध के नवाब शुजा-उद-दौला को अपने शिविर में शामिल करने की कोशिश की।
जुलाई के अंत तक शुजा-उद-दौला ने अफगान-रोहिल्ला गठबंधन में शामिल होने का फैसला लिया, जो कि 'इस्लाम की सेना' के रूप में जाना जाता था।
मराठाओं के लिये यह रणनीतिक रूप से एक बड़ा नुकसान था, क्योंकि शुजा-उद-दौला ने उत्तर भारत में अफगान सेना के लंबे समय तक प्रवास के लिये वित्त प्रदान किया था।
इससे यह संदेह उत्पन्न हुआ कि क्या अफगान-रोहिल्ला गठबंधन के बाद शुजा-उद-दौला के समर्थन के बिना मराठा अपना संघर्ष जारी रख सकेंगे।
खाद्य आपूर्ति में बाधा 
आखिरकार अगस्त, 1760 में मराठा शिविर दिल्ली पहुँचा और उसने शहर पर धावा बोल दिया।
इसके बाद यमुना नदी के किनारे एक मुठभेड़ और कुंजपुरा में एक युद्ध हुआ, जिसमें मराठों ने लगभग 15,000 की अफगान सेना को हराकर युद्ध जीत लिया।
हालाँकि अब्दाली ने अक्तूबर में बागपत में यमुना नदी को पार कर दिल्ली में अपना मूल मराठा शिविर बनाया।
आखिरकार पानीपत शहर में मराठों के खिलाफ अब्दाली के नेतृत्व में दो महीने की लंबी घेराबंदी हुई।
घेराबंदी के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की आवश्यक आपूर्ति को बाधा पहुँचाने की कोशिश की। इसमें अफगान काफी अधिक प्रभावी हुए और और नवंबर 1760 के अंत तक उन्होंने मराठा शिविर को होने वाली लगभग सभी खाद्य आपूर्तियों को बाधित कर दिया।
मराठा शिविर में दिसंबर के अंत तक या जनवरी की शुरुआत तक भोजन समाप्त हो गया और हजारों की संख्या में मवेशियों की मृत्यु होने लगी।
भुखमरी से मरने वाले सैनिकों के बारे में जनवरी की शुरुआत में खबरें आने लगी थीं।

युद्ध


मराठा प्रमुखों ने अपने सेनानायक सदाशिव राव भाउ (Sadashiv Rao Bhau) से आग्रह किया कि उन्हें भूख से मरने के बजाय युद्ध में मरने की इज़ाजत दी जाए।
यह लड़ाई कई दिनों तक चली और इसमें लगभग 125,000 से अधिक सैनिकों को शामिल किया गया।
दोनों तरफ की सेनाओं को हुए नुकसान व फायदे के साथ ही यह युद्ध लंबे समय तक चला।
अहमद शाह दुर्रानी के नेतृत्व में सेना कई मराठा पक्षों का खात्मा करने के बाद विजयी हुई।
युद्ध में दोनों पक्षों की क्षति का आकलन इस प्रकार किया गया है कि:
युद्ध में 60,000-70,000 के बीच सैनिक मारे गए, जबकि घायल और कैदियों की संख्या में काफी अंतर पाया गया था। युद्ध के अगले दिन लगभग 40,000 मराठा कैदियों का कत्ल कर दिया गया था।

युद्ध का परिणाम।युद्ध का परिणाम उत्तर में आगे के मराठा प्रगति और लगभग 10 वर्षों के लिये अपने क्षेत्रों के अस्थिरता रोकना था।
10 वर्षों की इस अवधि को पेशवा माधवराव के शासन के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसे पानीपत के युद्ध में हार के बाद मराठा वर्चस्व के पुनरुत्थान का श्रेय दिया जाता है।
पानीपत के तृतीय युद्ध के 10 वर्ष बाद (वर्ष 1771) पेशवा माधवराव ने एक अभियान के तहत उत्तर भारत में एक बड़ी मराठा सेना भेजी थी, जिसका मतलब था:
उत्तर भारत में मराठा वर्चस्व को फिर से स्थापित करना।
अफगानों के साथ या तो पक्षपातपूर्ण विध्वंस शक्तियाँ जैसे- रोहिलों या पानीपत के युद्ध के बाद मराठा वर्चस्व को हिलाकर रख दिया था। 
इस अभियान की सफलता को पानीपत की लंबी कहानी की अंतिम गाथा के रूप में देखा जा सकता है।

नोट:

पानीपत के तीनों युद्धों में जो सबसे महत्त्वपूर्ण बात सामने आती है, वह यह है कि विवाद या युद्ध का कारण पानीपत शहर कभी नहीं रहा।
पानीपत हमेशा से दिल्ली का प्रवेश द्वार था।

ऐतिहासिक रूप से उत्तर-पश्चिम से कोई भी आक्रामक जो दिल्ली पर कब्ज़ा करना चाहता था उसे खैबर दर्रे और फिर पंजाब से होकर आना पड़ा।

इतिहास सामान्य GK

Important GK GA GS Questions

🖍 भारत में खोजा गया सबसे पहला पुराना शहर कौन-सा था? 
➨ हड़प्पा

🖍 'स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है' किसने कहा था?
➨ बाल गंगाधर तिलक

🖍 महात्मा गाँधी के राजनीतिक गुरु कौन थे? 
➨ गोपाल कृष्ण गोखले

🖍 उत्तरी भारत की प्रथम मुस्लिम महिला शासक/दिल्ली पर राज करने वाली प्रथम महिला शासक कौन थी? 
➨ रजिया सुल्तान

🖍 सिंधु सभ्यता का पत्तननगर (बंदरगाह) कौन-सा था? 
➨ लोथल

🖍 भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के संस्थापक कौन थे? 
➨ ए.ओ. ह्यूम

🖍 महात्मा बुद्ध द्वारा दिए गए प्रथम उपदेश को कहा जाता है? 
➨ धर्मचक्रप्रवर्तन

🖍 किस वेद की रचना गद्य एवं पद्य दोनों में की गई है? 
➨ यजुर्वेद

🖍 भारत में पहला समाचारपत्र किसने शुरू किया था? 
➨ सैयद अहमद खाँ

🖍 किसके शासनकाल में बौद्ध धर्म दो भागों-हीनयान तथा महायान में बँट गया? 
➨ कनिष्क

🖍 लोदी वंश का अंतिम शासक कौन था? 
➨ इब्राहिम लोदी

🖍 प्रथम जैन संगीति कहाँ आयोजित की गई थी? 
➨ पाटलिपुत्र

🖍 दिल्ली के किस सुल्तान को इतिहासकारों ने 'विरोधों का मिश्रण' बताया है? 
➨ मुहम्मद-बिन-तुगलक

🖍 ऋग्वैदिक समाज की सबसे छोटी इकाई क्या थी? 
➨ कुल या परिवार

🖍 किस शासक के पास एक शक्तिशाली नौसेना थी? 
➨ चोल

🖍 'संकीर्तन प्रथा' के जन्मदाता कौन थे? 
➨ चैतन्य

🖍 किस मुगल शासक को 'आलमगीर' कहा जाता था? 
➨ औरंगजेब

🖍 'शहीदे आजम' उपाधि से किसे सम्मानित किया गया? 
➨ भगत सिंह

🖍 साइमन कमीशन के विरुद्ध प्रदर्शन के दौरान किए गए लाठीचार्ज में किस राजनेता की मृत्यु हो गई? 
➨ लाला लाजपतराय

🖍 वहाबी आन्दोलन के प्रवर्तक कौन थे?
➨ सैयद अहमद

इति०- 1857 का विद्रोह

1857 का विद्रोह


1857 का भारतीय विद्रोह भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ एक व्यापक लेकिन असफल विद्रोह था जिसने ब्रिटिश राज की ओर से एक संप्रभु शक्ति के रूप में कार्य किया।

विद्रोह


यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ संगठित प्रतिरोध की पहली अभिव्यक्ति थी।

यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के सिपाहियों के विद्रोह के रूप में शुरू हुआ, लेकिन जनता की भागीदारी भी इसने हासिल कर ली।

विद्रोह को कई नामों से जाना जाता है: सिपाही विद्रोह (ब्रिटिश इतिहासकारों द्वारा), भारतीय विद्रोह, महान विद्रोह (भारतीय इतिहासकारों द्वारा), 1857 का विद्रोह, भारतीय विद्रोह और स्वतंत्रता का पहला युद्ध (विनायक दामोदर सावरकर द्वारा)।

विद्रोह के कारण

राजनीतिक कारण

अंग्रेज़ों की विस्तारवादी नीति: 1857 के विद्रोह का प्रमुख राजनैतिक कारण अंग्रेज़ों की विस्तारवादी नीति और व्यपगत का सिद्धांत था।


बड़ी संख्या में भारतीय शासकों और प्रमुखों को हटा दिया गया, जिससे अन्य सत्तारुढ़ परिवारों के मन में भय पैदा हो गया।

रानी लक्ष्मी बाई के दत्तक पुत्र को झाँसी के सिंहासन पर बैठने की अनुमति नहीं थी।

डलहौज़ी ने अपने व्यपगत के सिद्धांत का पालन करते हुए सतारा, नागपुर और झाँसी जैसी कई रियासतों को अपने अधिकार में ले लिया।

जैतपुर, संबलपुर और उदयपुर भी हड़प लिये गए।

लॉर्ड डलहौज़ी द्वारा अवध को भी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन कर लिया गया जिससे अभिजात वर्ग के हज़ारों लोग, अधिकारी, अनुचर और सैनिक बेरोज़गार हो गए। इस कार्यवाही ने एक वफादार राज्य 'अवध' को असंतोष और षड्यंत्र के अड्डे के रूप में परिवर्तित कर दिया।


व्यपगत का सिद्धांतः

वर्ष 1840 के दशक के अंत में लॉर्ड डलहौजी द्वारा पहली बार व्यपगत का सिद्धांत नामक उल्लेखनीय ब्रिटिश तकनीक का सामना किया गया था।
इसमें अंग्रेज़ों द्वारा किसी भी शासक के नि:संतान होने पर उसे अपने उत्तराधिकारी को गोद लेने का अधिकार नहीं था, अतः शासक की मृत्यु होने के बाद या सत्ता का त्याग करने पर उसके शासन पर कब्ज़ा कर लिया जाता था।
इन समस्याओं में ब्राह्मणों के बढ़ते असंतोष को भी शामिल किया गया था, जिनमें से कई लोग राजस्व प्राप्ति के अधिकार से दूर हो गए थे या अपने लाभप्रद पदों को खो चुके थे।


सामाजिक और धार्मिक कारण

कंपनी शासन के विस्तार के साथ-साथ अंग्रेज़ों ने भारतीयों के साथ अमानुषिक व्यवहार करना प्रारंभ कर दिया।
भारत में तेज़ी से फैल रही पश्चिमी सभ्यता के कारण आबादी का एक बड़ा वर्ग चिंतित था

अंग्रेज़ों के रहन-सहन, अन्य व्यवहार एवं उद्योग-अविष्कार का असर भारतीयों की सामाजिक मान्यताओं पर पड़ता था।
1850 में एक अधिनियम द्वारा वंशानुक्रम के हिंदू कानून को बदल दिया गया।
ईसाई धर्म अपना लेने वाले भारतीयों की पदोन्नति कर दी जाती थी।

भारतीय धर्म का अनुपालन करने वालों को सभी प्रकार से अपमानित किया जाता था।

इससे लोगों को यह संदेह होने लगा कि अंग्रेज़ भारतीयों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की योजना बना रहे हैं।
सती प्रथा तथा कन्या भ्रूण हत्या जैसी प्रथाओं को समाप्त करने और विधवा-पुनर्विवाह को वैध बनाने वाले कानून को स्थापित सामाजिक संरचना के लिये खतरा माना गया।

शिक्षा ग्रहण करने के पश्चिमी तरीके हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमानों की रूढ़िवादिता को सीधे चुनौती दे रहे थे।
यहाँ तक कि रेलवे और टेलीग्राफ की शुरुआत को भी संदेह की दृष्टि से देखा गया।

आर्थिक कारण

ग्रामीण क्षेत्रों में किसान और ज़मींदार भूमि पर भारी-भरकम लगान और कर वसूली के सख्त तौर-तरीकों से परेशान थे।

अधिक संख्या में लोग महाजनों से लिये गए कर्ज़ को चुकाने में असमर्थ थे जिसके कारण उनकी पीढ़ियों पुरानी ज़मीने हाथ से निकलती जा रही थी।
बड़ी संख्या में सिपाही खुद किसान वर्ग से थे और वे अपने परिवार, गाँव को छोड़कर आए  थे, इसलिये किसानों का गुस्सा जल्द ही सिपाहियों में भी फैल गया।

इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के बाद ब्रिटिश निर्मित वस्तुओं का प्रवेश भारत में हुआ जिसने विशेष रूप से भारत के कपड़ा उद्योग को बर्बाद कर दिया।
भारतीय हस्तकला उद्योगों को ब्रिटेन के सस्ते मशीन निर्मित वस्तुओं के साथ प्रतिस्पर्द्धा करनी पड़ी।

सैन्य कारण

1857 का विद्रोह एक सिपाही विद्रोह के रूप में शुरू हुआ:

भारत में ब्रिटिश सैनिकों के बीच
 भारतीय सिपाहियों का प्रतिशत 87 था, लेकिन उन्हें ब्रिटिश सैनिकों से निम्न श्रेणी का माना जाता था।

एक भारतीय सिपाही को उसी रैंक के एक यूरोपीय सिपाही से कम वेतन का भुगतान किया जाता था।

उनसे अपने घरों से दूर क्षेत्रों में काम करने की अपेक्षा की जाती थी।

वर्ष 1856 में लॉर्ड कैनिंग ने एक नया कानून जारी किया जिसमें कहा गया कि कोई भी व्यक्ति जो कंपनी की सेना में नौकरी करेगा तो ज़रूरत पड़ने पर उसे समुद्र पार भी जाना पड़ सकता है।


सोमवार, 19 अप्रैल 2021

इति० - भारत के प्रथम गवर्नर जनरल और वायसराय

 

Trick: राबर्ट है विलियम की मौसी

➭ राबर्ट  – (राबर्ट क्लाइव) बंगाल का प्रथम गवर्नर
➭ है – (हैंस्टिग) बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल
➭ विलियम – (विलियम बैंटिक) भारत का पहला गवर्नर जनरल
➭ की – (कैनिंग) भारत का पहला वायसराय

➭ मौ – (माउंटबेटन) स्वतंत्र भारत का पहला गवर्नर जनरल
➭ सी – (सी.राजगोपालाचारी) स्वतंत्र भारत का पहला भारतीय गवर्नर जनरल

प्रमुख समाधि स्थल एवं सम्बन्धित व्यक्ति

 “प्रमुख समाधि स्थल एवं सम्बन्धित व्यक्ति”


● राजघाट         ➭ "महात्मा गांधी"


● विजय घाट     ➭ "लाल बहादुर शास्त्री"


● किसान घाट   ➭ "चौधरी चरण सिंह"


● वीर भूमि        ➭ "राजीव गांधी"


● महाप्रयाण      ➭ "डाँ राजेन्द्र प्रसाद"


● नारायण घाट  ➭ "गुलजारीलाल नन्दा"


● शांति वन       ➭ "जवाहर लाल नेहरू"


● शक्ति स्थल    ➭ "इंदिरा गांधी"


● चैत्रा भूमि       ➭ "डाँ बी. आर. अम्बेडकर"


● कर्म भूमि       ➭ "शंकर दयाल शर्मा"


● उदय भूमि      ➭  "के. आर. नारायणन" 


● अभय घाट     ➭ "मोराजी देसाई"


● समता स्थल   ➭ "जगजीवन राम"


● एकता स्थल   ➭ "ज्ञानी जैल सिंह"


रविवार, 18 अप्रैल 2021

मुगल (Mugal) काल से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

 


🧿 अकबर का सबसे अन्तिम विजय अभियान था? 
✍️ असीरगढ़  विजय

🧿 अकबरनामा' किसने लिखा? 
✍️ अबुल फजल

🧿 अन्तिम रूप से जजिया कर समाप्‍त करने वाला मुगल बादशाह था? 
✍️ महम्‍मदशाह 'रंगीला'

🧿 लदन में ब्रिटिश ईस्‍ट इंडिया कम्‍पनी के गठन के समय भारत का कौन बादशाह था? 
✍️ अकबर

🧿 दिल्‍ली की प्रसिद्ध जामा मस्जिद का निर्माण किसने कराया? 
✍️ शहाजहाँ 

🧿 किस मुसलमान विद्वान का हिन्‍दी साहित्‍य के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण योगदान है? 
✍️ अब्‍दुर्रहीम खानखाना 

🧿 अकबर द्वारा बनाई गई श्रेष्‍ठतम इमारतें पायी जाती है? 
✍️ फतेहपुर सीकरी  में

🧿 हल्‍दीघाटी युद्ध (1576) के पीछे अकबर का मुख्‍य उद्देश्‍य था ?
✍️ राणाप्रताप को अपने अधीन लाना

🧿 मुगल सम्राट अकबर के समय का प्रसिद्ध चित्रकार था? 
✍️ दशवंत 

🧿 किसने अकबर की कब्र खोदकर उसकी हड्डियों को जला दिया? 
✍️ राजाराम

गुरुवार, 8 अप्रैल 2021

इतिहास महत्वपूर्ण प्रश्न

 इतिहास महत्वपूर्ण प्रश्न 


🔹 भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन के रूप में किसे जाना जाता है?

➨ दादाभाई नौरोजी


🔹 'पंजाब केसरी' की उपाधि किसे प्रदान की गई थी?

➨ लाला लाजपत राय


🔹 भारतीय संविधान में पहली बार संशोधन किया गया था?

➨ 1951


🔹 मुस्लिम लीग ने पहली बार भारत के विभाजन की मांग की थी?

➨ 1940


🔹 भारत के साथ व्यापार करने के लिए एक संयुक्त स्टॉक कंपनी शुरू करने वाला पहला देश था?

➨ पुर्तगाल


🔹 वंदे मातरम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में पहली बार गाया गया था?

➨ 1896


🔹 गुप्त काल के दौरान भू अभिलेखों की सुरक्षित रख-रखाव के लिए जिम्मेदार अधिकारी के रूप में जाना जाता था?

➨ करनिका


🔹 महाराष्ट्र के सबसे बड़े भक्ति कवि कौन थे?

➨ नामदेव


🔹 अशोक को विद्रोह को दबाने के लिए राजकुमार के रूप में कहाँ भेजा गया था?

➨ कलिंग


🔹 प्राकृत पाठ गौड़वाहो के कर्मों का वर्णन करता है?

➨ यसोवर्मन