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रविवार, 10 जुलाई 2022

पशु सेवा समिति के मुस्लिम सदस्य ने बकरीद पर मजहब की कट्टर अंध मानसिकता से निकलकर पेश की मानवता की मिशाल ~ नमः वार्ता


पशु सेवा समिति ने बकरीद पर पेश की मानवता की मिशाल


बताते चले पशु सेवा समिति के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष मेराज अहमद व उनके समुचित परिवार ने बकरीद के पर्व पर मुक पशु की कुर्बानी न देकर प्रतिकात्मक बकरे का केक पर बने बकरे को काट कर कुर्बानी दी 


इस पर्व पर मेराज अहमद ने आमजन से अपील की मुक पशु की कुर्बानी न देते हुए पर्व मनाए साथ ही प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी कदापि न दे आगे बताते हुए मेराज अहमद ने कहा

अल्लाह ने सबको अनमोल जीवन अता फरमाया है किसी का जीवन खत्म करने का हक अल्लाह ताला ने किसी मनुष्य को नहीं दिया है सबका जीवन अनमोल है 

इस अवसर पर पशु सेवा समिति के संस्थापक व प्रदेश अध्यक्ष

मंगलवार, 14 जून 2022

अग्निपथ योजना क्‍या है?

 नई दिल्‍ली: भारतीय सेनाओं का हिस्‍सा बनकर देशसेवा करना चाहते हैं तो तरीका बदल गया है। अब थलसेना, वायुसेना और नौसेना में युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी। मंगलवार को भारत सरकार ने नई भर्ती प्रक्रिया 'अग्निपथ' की घोषणा की। आर्मी भर्ती के इस नए प्रोसेस से निकले सैनिकों को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि सुरक्षा संबंध कैबिनेट समिति ने यह फैसला किया है। उन्‍होंने कहा कि 'हम अग्निपथ नामक एक योजना ला रहे हैं जो हमारी सेना में परिवर्तनकारी बदलाव कर उन्हें पूरी तरह से आधुनिक और सुसज्जित बनाएगी।' लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने सेना की नई भर्ती प्रक्रिया 'अग्निपथ' के बारे में विस्‍तार से बताया। भर्ती की योग्‍यता, परीक्षा, साक्षात्‍कार से लेकर चयन और फिर ट्रेनिंग, नौकरी और वेतन-भत्‍ते व पेंशन से जुड़ी जानकारी भी दी गई। आइए आपको बताते हैं कि भारतीय सेना में भर्ती होने की प्रक्रिया कितनी बदल गई है।


अग्निपथ: नई भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी हर जानकारी


अग्निपथ योजना क्‍या है?

आर्मी, एयरफोर्स और नेवी में भर्ती के लिए रक्षा मंत्रालय ने नई प्रक्रिया अपनाई है। इसे 'अग्निपथ'

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2022

शारदा नहर सूचना







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शनिवार, 11 दिसंबर 2021

गुरुवार, 1 अप्रैल 2021

आजीवन विवाह नहीं करने का लिया था संकल्प, पंचायती चुनाव में उतरने के लिए बिना मुहूर्त किया विवाह

 

शादी नहीं करने का लिया था संकल्प, प्रधानी चुनाव में उतरने के लिए बिना मुहूर्त करना पड़ा विवाह

(महिला आरक्षित थी सीट, समर्थकों ने दिया सुझाव)

बलिया। उत्तर प्रदेश में होने वाला पंचायत चुनाव को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. एक व्यक्ति ने आजीवन शादी न करने का संकल्प लिया था, लेकिन ग्राम पंचायत प्रधान की सीट महिला आरक्षित होने पर बिना मुहूर्त देखे ही शादी रचा ली.




बलिया के विकासखंड मुरलीछपरा के ग्राम पंचायत शिवपुर कर्ण छपरा एक प्रत्याशी ऐसे हैं जिनको आरक्षण भी मात नहीं दे पाया. लगभग एक दशक तक समाज सेवा करने के बाद ग्राम प्रधान बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए 45 वर्षीय हाथी सिंह ने अपनी पंचायत सीट महिला के लिए आरक्षित घोषित हो जाने के बाद शादी कर ली. बलिया जिले के करन छपरा गांव के निवासी हाथी सिंह ने वर्ष 2015 में प्रधानी चुनाव लड़ा और केवल 57 वोटों से हार कर उपविजेता रहे. हाथी सिंह जिस सीट से इस बार जीत की उम्मीद लगाए थे, वह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित घोषित कर दी गई है.



इस पर उनके समर्थकों ने सुझाव दिया कि वह शादी कर लें तो उनकी पत्नी चुनाव लड़ सकती हैं. हाथी सिंह ने इस सुझाव पर अमल करते हुए आखिरकार गांव के धर्मनाथजी मंदिर में शादी कर ली. उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल को नामांकन से पहले शादी करनी थी. इसलिए आनन फानन में शादी का आयोजन किया गया. बिना मुहूर्त ही उन्होंने शादी रचा ली.


हाथी सिंह ने कहा कि वह पिछले पांच सालों से प्रधानी चुनाव जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उनके समर्थक भी प्रचार में पूरी तरह जुटे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने जीवन में कभी शादी नहीं करने का फैसला किया था, लेकिन मेरे समर्थकों के कारण वह फैसला बदलना पड़ा. मेरी मां 80 साल की हैं और वह चुनाव नहीं लड़ सकती थीं. इस कारण भी शादी करने का फैसला लिया