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सोमवार, 8 नवंबर 2021

वातश्लैश्मिक ( संक्रमित फ्लू)

 


स्वास्थ्य एवं रोग में ऋतुओं की भूमिका


 

आयुर्वेदिक औषधीय किट ~ चित्रकादि वटी, संशमनी वटी, त्रिभुवन कीर्ति रस, कुटज धन वटी, धात्री लौह, अणु तेल, पंचगुण तेल, त्रिफला,

मधुमेह ~ रोकथाम, आयुर्वेदिक औषधियां

आयुर्वेद, स्वास्थ्य एवं रोग.

बुधवार, 7 अप्रैल 2021

आयुर्वेद व स्वास्थ्य


यदि ना पचे तो करें उपाय

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👉 दूध ना पचे तो ~ सोंफ ,

👉 दही ना पचे तो ~ सोंठ,

👉 छाछ ना पचे तो ~जीरा व काली मिर्च

👉 अरबी व मूली ना पचे तो ~ अजवायन

👉 कड़ी ना पचे तो ~ कड़ी पत्ता,

👉 तैल, घी, ना पचे तो ~  कलौंजी... 

👉 पनीर ना पचे तो ~ भुना जीरा,

👉 भोजन ना पचे तो ~ गर्म जल

👉 केला ना पचे तो  ~ इलायची             

👉 ख़रबूज़ा ना पचे तो ~ मिश्री का उपयोग करें...

1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है।

2. लकवा - सोडियम की कमी के कारण होता है ।

3. हाई वी पी में -  स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।

4. लो बी पी - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।

5. कूबड़ निकलना- फास्फोरस की कमी ।

6. कफ - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं 

7. दमा, अस्थमा - सल्फर की कमी ।

8. सिजेरियन आपरेशन - आयरन , कैल्शियम की कमी ।

9. सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें ।

10. अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें ।

11. जम्भाई- शरीर में आक्सीजन की कमी ।

12. जुकाम - जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।

13. ताम्बे का पानी - प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।

14.  किडनी - भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।

15. गिलास एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें,  लोटे का कम  सर्फेसटेन्स होता है ।

16. अस्थमा , मधुमेह , कैंसर से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।

17. वास्तु के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।

18. परम्परायें वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।

19. पथरी - अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है । 

20. RO का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए सहिजन की फली सबसे बेहतर है ।

21. सोकर उठते समय हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का स्वर चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।

22. पेट के बल सोने से हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है । 

23.  भोजन के लिए पूर्व दिशा , पढाई के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।

24.  HDL बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।

25. गैस की समस्या होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।

26.  चीनी के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से पित्त बढ़ता है । 

27.  शुक्रोज हजम नहीं होता है फ्रेक्टोज हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।

28. वात के असर में नींद कम आती है ।

29.  कफ के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।

30. कफ के असर में पढाई कम होती है ।

31. पित्त के असर में पढाई अधिक होती है ।

33.  आँखों के रोग - कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।

34. शाम को वात-नाशक चीजें खानी चाहिए ।

35.  प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए ।

36. सोते समय रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।

37. व्यायाम - वात रोगियों के लिए मालिश के बाद व्यायाम , पित्त वालों को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । कफ के लोगों को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।

38. भारत की जलवायु वात प्रकृति की है , दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।

39. जो माताएं घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।

40. निद्रा से पित्त शांत होता है , मालिश से वायु शांति होती है , उल्टी से कफ शांत होता है तथा उपवास ( लंघन ) से बुखार शांत होता है ।

41.  भारी वस्तुयें शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।

42. दुनियां के महान वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों , 

43. माँस खाने वालों के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।

44. तेल हमेशा गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।

45. छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है । 

46. कोलेस्ट्रोल की बढ़ी हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।

47. मिर्गी दौरे में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए । 

48. सिरदर्द में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।

49. भोजन के पहले मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है । 

50. भोजन के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें । 

51. अवसाद में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है 

52.  पीले केले में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।

53.  छोटे केले में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।

54. रसौली की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।

55.  हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।

56. एंटी टिटनेस के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे ।

57. ऐसी चोट जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें । 

58. मोटे लोगों में कैल्शियम की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।

59. अस्थमा में नारियल दें । नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है ।दालचीनी + गुड + नारियल दें ।

60. चूना बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है । 

61.  दूध का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।

62.  गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है । 

63.  जिस भोजन में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए 

64.  गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।

65.  गाय के दूध में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है ।

66.  मासिक के दौरान वायु बढ़ जाता है , 3-4 दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे  गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।

67. रात में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।

68. भोजन के बाद बज्रासन में बैठने से वात नियंत्रित होता है ।

69. भोजन के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।

70. अजवाईन अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है 

71. अगर पेट में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें 

72. कब्ज होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए । 

73. रास्ता चलने, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए । 

74. जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है । 

75.  बिना कैल्शियम की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।

76. स्वस्थ्य व्यक्ति सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।

77. भोजन करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।

78. सुबह के नाश्ते में फल , दोपहर को दही व रात्रि को दूध का सेवन करना चाहिए । 

79. रात्रि को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे - दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि । 

80.  शौच और भोजन के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें । 

81. मासिक चक्र के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए । 

82. जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।

83. जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।

84. एलोपैथी ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है । 

85. खाने की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है । 

86 .  रंगों द्वारा चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ..... अंत में लाल रंग । 

87 . छोटे बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए 

88. जो सूर्य निकलने के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है । 

89.  बिना शरीर की गंदगी निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं । 

90. चिंता , क्रोध , ईर्ष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है । 

91.  गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।

92. प्रसव के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती  है ।

93. रात को सोते समय सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा 

94. दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए।

95. जो अपने दुखों को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है , वही मोक्ष का अधिकारी है । 

96. सोने से आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है । 

97. स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है। 

98 . तेज धूप में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है 

99. त्रिफला अमृत है जिससे वात, पित्त , कफ तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना ।  

100. इस विश्व की सबसे मँहगी दवा लार है , जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है।

गुरुवार, 18 जून 2020

⛳प्याज़ खाना क्यों मना- @ॐ_नमः_वार्ताः!

जय श्री बद्रीनाथ ,जय हो सनातन धर्म.
(कृपया पोस्ट पूरी पढ़ें; ये जानकारी अन्य कहीं कहीं मिलेगी)

शाकाहार होने तथा चिकित्सीय गुण होने के बावजूद साधकों हेतु प्याज-लहसुन वर्जित क्यों है, इसपर विस्तृत शोध के कुछ बिंदु आपके समक्ष रख रहा हूं!....
1)मलूक पीठाधीश्वर संत श्री राजेन्द्र दास जी बताते हैं कि एक बार प्याज़-लहसुन  खाने का प्रभाव देह में 27 दिनों तक रहता है,और उस दौरान व्यक्ति यदि मर जाये तो नरकगामी होता है!ऐसा शास्त्रों में लिखा है!वे ये भी बताते हैं कि प्याज़ की उत्पत्ति कुत्ते के अंडकोष से है,और लहसुन की कुत्ते के नख से!इसलिए प्याज़-लहसुन खानेवाला कुत्ते के मांस को पकाकर खानेवाले के समतुल्य माना जाता है!

2) प्याज़ का सेवन करने से 55 मर्म-स्थानों में चर्बी जमा हो जाती है, जिसके फलस्वरूप शरीर की सूक्ष्म संवेदनाएं नष्ट हो जाती हैं!

3) भगवान के भोग में, नवरात्रि आदि व्रत-उपवास में ,तीर्थ यात्रा में ,श्राद्ध के भोजन में और विशेष पर्वों पर प्याज़-लहसुन युक्त भोजन बनाना निषिद्ध है, जिससे समझ में आ जाना चाहिए कि प्याज-लहसुन दूषित वस्तुएं हैं!

4)कुछ देर प्याज़ को बगल में दबाकर बैठने से बुखार चढ़ जाता है! प्याज काटते समय ही आंखों में आंसू आ जाते हैं, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि शरीर के भीतर जाकर यह कितनी अधिक हलचल उत्पन्न करता होगा!?!

5) हवाई-जहाज चलाने वाले पायलटों को जहाज चलाने के 72 घंटे पूर्व तक प्याज़ का सेवन ना करने का परामर्श दिया जाता है, क्योंकि प्याज़ खाने से तुरंत प्रतिक्रिया देने की क्षमता(Reflexive ability) प्रभावित होती है!

6) शास्त्रों में प्याज़ को "पलांडू" कहा गया है! याज्ञवल्क्य संहिता के अनुसार प्याज एवं गोमांस दोनों के ही खाने का प्रायश्चित है--- चंद्रायण व्रत!(इसीलिए श्री जटिया बाबा प्याज़ को गो मांस तुल्य बताते थे!)

7) ब्रह्मा जी जब सृष्टि कर रहे थे, तो दो राक्षस उसमें बाधा उत्पन्न कर रहे थे! उनके शरीर क्रमशः मल और मूत्र के बने हुए थे! ब्रह्मा जी ने उन्हें मारा तो उनके शरीर की बोटियां पृथ्वी पर जहां-जहां गिरीं, वहां प्याज़ और लहसुन के पेड़ उग आए! लैबोरेट्री में टेस्ट करने पर भी प्याज़ और लहसुन में क्रमशः गंधक और यूरिया प्रचुर मात्रा में मिलता है, जो क्रमशः मल मूत्र में पाया जाता है!

8) एक अन्य कथा के अनुसार,भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार द्वारा राहूकेतू का सिर काटे जाने पर उसके कटे सिर से अमृत की कुछ बूंदे ज़मीन पर गिर गईं थीं,जिनसे प्याज़ और लहसुन उपजे! चूंकि यह दोनों सब्जियां अमृत की बूंदों से उपजी हैं, इसलिए यह रोगों और रोगाणुओं को नष्ट करने में अमृत समान होती हैं,पर क्योंकि यह राक्षस के मुख से होकर गिरी हैं, इसलिए इनमें तेज गंध है और ये अपवित्र हैं, जिन्हें कभी भी भगवान के भोग में इस्तमाल नहीं किया जाता! कहा जाता है कि जो भी प्याज और लहसुन खाता है उनका शरीर राक्षसों के शरीर की भांति मजबूत हो जाता है,लेकिन साथ ही उनकी बुद्धि और सोच-विचार राक्षसों की तरह दूषित भी हो जाते हैं!

9)इनके राजसिक तामसिक गुणों के कारण आयुर्वेद में भी प्याज़-लहसुन खाने की मनाही है! प्राचीन मिस्र के पुरोहित प्याज़-लहसुन नहीं खाते थे! चीन में रहने वाले बौद्ध धर्म के अनुयायी भी प्याज़-लहसुन खाना पसंद नहीं करते!

10) प्याज़-लहसुन खाने के बाद इसका असर रक्त में रहने तक मन में कामवासनात्मक विकार मंडराते रहते हैं! वीर्य की सघनता कम होती है और गतिमानता बढ़ जाने से कामवासना में वृद्धि होती है!
         
     इतने प्रमाण होते हुए भी केवल जीभ के स्वार्थ हेतु प्याज़-लहसुन खाते रहेंगे,तो जड़ बुद्धि कहलाएंगे!इसलिए इनका तुरंत परित्याग करने में ही भलाई है!(घरवाले नहीं मानते,तो उन्हें उपरोक्त बातें समझाएँ)

जय श्री राम,वन्दे मातरम।
भारत माता की जय।।
                          @ॐ_नमः_वार्ताः!

शयन नियम......

#शयन_नियम 

1. सूने तथा निर्जन घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। देव मन्दिर और श्मशान में भी नहीं सोना चाहिए। (मनुस्मृति) 

2. किसी सोए हुए मनुष्य को अचानक नहीं जगाना चाहिए। (विष्णुस्मृति)

 3. विद्यार्थी, नौकर औऱ द्वारपाल, यदि ये अधिक समय से सोए हुए हों, तो इन्हें जगा देना चाहिए। (चाणक्यनीति) 

4. स्वस्थ मनुष्य को आयुरक्षा हेतु ब्रह्ममुहुर्त में उठना चाहिए। (देवीभागवत) बिल्कुल अँधेरे कमरे में नहीं सोना चाहिए। (पद्मपुराण)

 5. भीगे पैर नहीं सोना चाहिए। सूखे पैर सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है। (अत्रिस्मृति) टूटी खाट पर तथा जूठे मुँह सोना वर्जित है। (महाभारत) 

6. "नग्न होकर/निर्वस्त्र" नहीं सोना चाहिए। (गौतम धर्म सूत्र)

 7. पूर्व की ओर सिर करके सोने से विद्या, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से प्रबल चिन्ता, उत्तर की ओर सिर करके सोने से हानि व मृत्यु तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है।   (आचारमय़ूख)

 8. दिन में कभी नहीं सोना चाहिए। परन्तु ज्येष्ठ मास में दोपहर के समय 1 मुहूर्त (48 मिनट) के लिए सोया जा सकता है। (दिन में सोने से रोग घेरते हैं तथा आयु का क्षरण होता है)

 9. दिन में तथा सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है। (ब्रह्मवैवर्तपुराण) 

10. सूर्यास्त के एक प्रहर (लगभग 3 घण्टे) के बाद ही शयन करना चाहिए। 

11. बायीं करवट सोना स्वास्थ्य के लिये हितकर है।

12. दक्षिण दिशा में पाँव करके कभी नहीं सोना चाहिए। यम और दुष्ट देवों का निवास रहता है। कान में हवा भरती है। मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है, स्मृति- भ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियाँ होती है। 

13. हृदय पर हाथ रखकर, छत के पाट या बीम के नीचे और पाँव पर पाँव चढ़ाकर निद्रा न लें। 

14. शय्या पर बैठकर खाना-पीना अशुभ है। 

15. सोते सोते पढ़ना नहीं चाहिए। (ऐसा करने से नेत्र ज्योति घटती है )

16. ललाट पर तिलक लगाकर सोना अशुभ है। इसलिये सोते समय तिलक हटा दें।

इन १६ नियमों का अनुकरण करने वाला यशस्वी, निरोग और दीर्घायु हो जाता है।
                                     @ॐ_नमः_वार्ताः!

दारू/ वियर पर कुछ बातें।


जय माता जी सा आज कुछ शराब के मुद्दे पे बात करते है

आप अपना मन्त्व्य जरुर देना

मे आप सें कुछ सवाल करती हुकम टीख है

आप को उसके जवाब देने है अगर आप ने (हा )
मे जवाब दिया तोह आप से बड़े बुद्धिजीवी इन्सान है ही नही इस
दुनिया मे तोह चलो हुकम सुरु करते है

1॰ क्या आपकी पत्नी/बहन बीमार हो, आप उसे डाक्टर के पास ले जाये ओर देखे कि डाक्टर साहब अपनी टेबल पर दारू कि बोतल रख कर, पेग लगा रहे है। तो क्या आप उस डाक्टर पर भरोसा कर अपनी बीमार पत्नी/बहन को दिखाओगे क्या हुकम।।।।।हा या ना

2. किसी दिन आप अपनी नन्ही बिटिया को ट्यूशन पढ़ाने मास्टर के घर जाओ ओर देखो मास्टर साहब "भर ल्याई कलाली दारू दखा रो" गीत का टेप पर बजा कर नशे मे झूम रहें है। क्या आप अपनी बिटिया को उसके हवाले कर आओगे क्या हुकम
हा या ना

3॰ आप अपने बेटे का स्कूल में एडमिशन करवाने जाओ ओर देखो प्रिंसिपल साहब के कमरे मे विभिन्न वेराइटियों के शराब की बोतले सजी हो। क्या ऐसे स्कूल में बेटे को पढ़ाओगए हुकम
हा या ना

4॰ क्या आप नशे मे झूमते ड्रायवर के साथ गाड़ी में बैठ कर सफर करोगे हुक्म हा या ना

5॰ कोई बिजनीस का सौदा करते समय, सामने वाला दारू के नशे में फुल टल्ली हो रहा हो तो क्या उसकी बात का भरोसा करोगे हुक्म हा या ना

किसी भी समझदार इनसान का उपरोक्त हर प्रश्न का उत्तर "ना" ही होगा। 

जब आप दारुडीए पर भरोसा नहीं करते हैं तो जरा सोचिए आप दारू पीते हो, दारू की महिमा गाते हो, दारू की बोतलें सजा सजा कर घर मे रखते हो,

दारू  किसी भी समाज  की शान नहीं, उसकी कमजोरी है। अन्य समाज आपकी इस कमजोरी का फ़ायदा उठाता आया है। यह समाज  की बरबादी का मुख्य कारण है। 

दारू पैर की जूती है, एक मनोरन्जन करने वाली वेश्या है। इसे देवी बता बता कर अब ओर अपना विनाश मत करो। 

     
                          @ॐ_नमः_वार्ताः!

जल में डूबे हुए लोगो के उपचार में सहायक

अगर कभी कोई पानी में डूब के मर जाये और उसका शरीर 3 से 4 घंटे में मिल जाये तो उसकी जिंदगी वापस ला सकता हूँ।अगर कभी किसी को ऐसी दूर्घटना दिखे या सुनाई दे तो तुरंत हमे बताये।।। किसी की जान बच सकती है।। हमारा मोबाइल नंबर
प्रशान्त त्रिपाठी
 +919454311111 और
 +919335673001 है
आप सभी से विनम्र अनुरोध है कि इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाये।
किसी एक की भी जान बचा सका तो अपना जीवन सफल महसूस करूँगा।।धन्यवाद
पानी में डूबे व्यक्ति का ईलाज 
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डेढ़ क्विंटल डले वाला खड़ा नमक को बिस्तर जैसा बिछाकर मरीज को उस पर कपड़े कम करके लेटा दें । नमक धीरे धीरे शरीर से पानी सोख लेगा ।  मरीज के होश आने पर अस्पताल ले जाये । इससे पहले आप अस्पताल ले गये हो और डाँक्टर ने मृत घोषित कर दिया तो आप नमक वाला उपचार करें प्रभु कृपा से खुशी की लहर फैल जायेगी । 

डाँक्टर के मृत घोषित करने पर 
दाह संस्कार करने में जल्दी ना करें ।

जल्दी से जल्दी नमक का उपचार करने के लिये -

मरीज को किसी कार जीप से शहर में ले जायें जहाँ नमक की बोरिया रात में भी बाहर ही पड़ी रहती है उन्हें खाली करके मरीज को जल्दी से सुला दें । 

दुकानदार का हिराब बाद में सुबह या दिन में भी किया जा सकता है ।
नोट:- डूबे हुए जितना कम समय हुआ होगा उतना जल्दी व्यक्ति के होश में आने की सम्भावना होती है । अतः हर कार्य युद्य स्तर से करें ।
कुछ लोग नमक लेने पहले से ही चलें जायें तो परिणाम शीघ्र मिलेगा ।

के. सी. रूपरा 
नारायणगढ़ ,मन्दसौर म. प्र. 
9303237548


                          @ॐ_नमः_वार्ताः!

विज्ञान हमें कहां से कहां ले आया!!

विज्ञान हमें कहां से कहां ले आया!!

पहले:-वो कुँए का मैला पानी
पीकर भी 100 वर्ष जी लेते थे!
अब :-RO का शुद्ध पानी
पीकर 40वर्ष में बुढ़े हो रहे हैं!🥛 

पहले:-वो घानी का मैला तेल
खाके बुढ़ापे में मेहनत करते थे।
🍯 अब:-हम डबल-फ़िल्टर तेल
खाकर जवानी में हाँफ जाते हैं
 
पहले:-वो डले वाला नमक
खाके बीमार ना पड़ते थे।
अब:-हम आयोडीन युक्त खाके
हाई-लो बीपी लिये पड़े हैं !🍧

पहले :-वो नीम-बबूल,कोयला
नमक से दाँत चमकाते थे,और
🤑 80 वर्ष तक भी चबाके खाते थे
अब:-कॉलगेट सुरक्षा वाले
डेंटिस्ट के चक्कर लगाते हैं!

पहले :-वो नाड़ी पकड़कर
रोग बता देते थे
अब:-आज जाँचे कराने 
पर भी रोग नहीं जान पाते हैं! 🔦

पहले:-वो 7-8 बच्चे जन्मने
वाली माँ 80वर्ष की अवस्था में
भी खेत का काम करती थी।
अब :-पहले महीने से डॉक्टर
🌝की देख-रेख में रहते हैं |फिर भी
बच्चे पेट फाड़कर जन्मते हैं!

पहले :-काले गुड़ की मिठाइयां
ठोक-ठोक के खा जाते थे !
अब:-खाने से पहले ही 
शुगर की बीमारी हो जाती है!🍓

पहले :-बुजुर्गों के भी 
घुटने नहीं दुखते थे !
🧖‍♂अब :-जवान भी घुटनों 
और कमर दर्द से कहराता है!

पहले:- 100w के बल्ब 💡
जलाते थे तो बिजली का बिल 
200 रुपये आता था !
अब:-5w की led में 
2000 का बिल आता है! 

आख़िर समझ मे नहीं आता ये
विज्ञान का युग है या अज्ञान का?
                          @ॐ नमः वार्ताः