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रविवार, 31 अक्टूबर 2021

उपराष्ट्रपति / राज्यपाल प्रश्नोत्तर



 उपराष्ट्रपति 


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1. संविधान के किस अनुच्छेद में कहा गया है कि भारत का उपराष्ट्रपति एक ही होगा ?

►-अनुच्छेद 63


2. भारत के संविधान में उपराष्ट्रपति से संबंधित प्रावधान किस देश के संविधान से ग्रहण किया गया है ?

►-अमेरिका (यूएसए)


3. राज्यसभा का पदेन सभापति कौन होता है ?

►-उपराष्ट्रपति


4. क्या उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सदस्य होता है ?

►-नहीं


5. क्या राज्यसभा में उपराष्ट्रपति को मतदान का अधिकार है ?

►-नहीं


6. क्या सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति को निर्णायक मत देने का अधिकार प्राप्त है

►-हां


7. राष्ट्रपति का पद खाली होने पर कितने दिनों तक उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति की हैसियत से काम कर सकता है ?

►-छह माह (इस दौरान राष्ट्रपति का चुनाव करा लेना अनिवार्य है)

शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

TRICK- उपराष्ट्रपति से सम्बंधित अनुच्छेद

UP POLICE SI GK CURRENT AFFAIRS NOTES

❇️ उपराष्ट्रपति से सम्बंधित अनुच्छेद

#Trick : उसका निकास शनि है

▪️ उ- उपराष्ट्रपति (अनुच्छेद-63)
▪️ स- सभापति (अनुच्छेद-64)
▪️ का- कार्य (अनुच्छेद-65)

▪️ नि- निर्वाचन (अनुच्छेद-66)
▪️ का- कार्यकाल (अनुच्छेद-67)
▪️ स- समय (अनुच्छेद-68)

▪️ श- शपथ (अनुच्छेद-69)
▪️ नि- निर्वाचन (अनुच्छेद-70)

▪️ है - silent

गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

संविधान भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस भारतीय के महत्त्वपूर्ण सत्र

भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस भारतीय  के महत्त्वपूर्ण सत्र



परिचय:

भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की स्थापना दिसंबर, 1885 में बॉम्बे में की गई थी।
इसके प्रारंभिक नेतृत्त्वकर्त्ताओं में दादाभाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता, बदरुद्दीन तैयबजी, डब्ल्यू.सी. बनर्जी, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी, रोमेश चंद्र दत्त, एस. सुब्रमण्य अय्यर शामिल थे। प्रारंभ में इसके कई नेतृत्त्वकर्त्ता बंबई और कलकत्ता से संबंधित थे।
एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी, ए.ओ. ह्यूम ने विभिन्न क्षेत्रों के भारतीयों को एक साथ लाने में भी भूमिका निभाई।
भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस का गठन राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रयास था।
देश के सभी क्षेत्रों तक पहुँच स्थापित करने के लिये विभिन्न क्षेत्रों में कॉन्ग्रेस के सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
अधिवेशन का अध्यक्ष उसी क्षेत्र से चुना जाता था, जहाँ कि कॉन्ग्रेस के अधिवेशन का आयोजन  किया जा रहा हो।

विभिन्न सत्र:.

पहला अधिवेशन: वर्ष 1885 में बॉम्बे में आयोजित। अध्यक्ष: डब्ल्यू.सी. बनर्जी

दूसरा सत्र: वर्ष 1886 में कलकत्ता में आयोजित। अध्यक्ष: दादाभाई नौरोजी.

तीसरा सत्र: वर्ष 1887 में मद्रास में आयोजित। अध्यक्ष: सैयद बदरुद्दीन तैय्यबजी (पहले मुस्लिम अध्यक्ष)

चौथा सत्र: वर्ष 1888 में इलाहाबाद में आयोजित। अध्यक्ष: जॉर्ज यूल, पहले अंग्रेज़ अध्यक्ष

वर्ष 1896: कलकत्ता। अध्यक्ष: रहीमतुल्ला सयानी
रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा पहली बार राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' गाया गया।

वर्ष 1899: लखनऊ। अध्यक्ष: रमेश चंद्र दत्त।
भू-राजस्व के स्थायी निर्धारण की मांग।

वर्ष 1901: कलकत्ता। अध्यक्ष: दिनशॉ ई. वाचा।
पहली बार गांधीजी कॉन्ग्रेस के मंच पर दिखाई दिये।

वर्ष 1905: बनारस। अध्यक्ष: गोपाल कृष्ण गोखले
सरकार के खिलाफ स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक घोषणा।

वर्ष 1906: कलकत्ता। अध्यक्ष: दादाभाई नौरोजी
इसमें चार प्रस्तावों को अपनाया गया: स्वराज (स्व सरकार), बहिष्कार आंदोलन, स्वदेशी और राष्ट्रीय शिक्षा।

वर्ष 1907: सूरत। अध्यक्ष: रास बिहारी घोष
कॉन्ग्रेस का विभाजन- नरमपंथी और गरमपंथी
सत्र का स्थगित होना।

वर्ष 1910: इलाहाबाद। अध्यक्ष: सर विलियम वेडरबर्न
एम.ए. जिन्ना ने 1909 के अधिनियम द्वारा शुरू की गई पृथक निर्वाचन प्रणाली की निंदा की।

वर्ष 1911: कलकत्ता। अध्यक्ष: बी.एन. धर
कॉन्ग्रेस अधिवेशन में पहली बार जन-गण-मन गाया गया

वर्ष 1915: बॉम्बे। अध्यक्ष: सर एस.पी. सिन्हा
चरमपंथी समूह के प्रतिनिधियों को स्वीकार करने के लिये कॉन्ग्रेस के संविधान में बदलाव किया गया।

वर्ष 1916: लखनऊ। अध्यक्ष: ए.सी. मजूमदार
कॉन्ग्रेस के दो गुटों- नरमपंथियों और अतिवादियों के बीच एकता।
कॉन्ग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच राजनीतिक सहमति बनाने के लिये लखनऊ पैक्ट पर हस्ताक्षर किये गए।

वर्ष 1917: कलकत्ता। अध्यक्ष: एनी बेसेंट, कॉन्ग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष

वर्ष 1918 (विशेष सत्र): बॉम्बे। अध्यक्ष: सैयद हसन इमाम
इस सत्र को विवादास्पद मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार योजना के संबंध में बुलाया गया था।

वर्ष 1919: अमृतसर। अध्यक्ष: मोतीलाल नेहरू
कॉन्ग्रेस ने खिलाफत आंदोलन को समर्थन दिया।

वर्ष 1920 (विशेष सत्र): कलकत्ता। अध्यक्ष: लाला लाजपत राय
महात्मा गांधी ने असहयोग संकल्प को आगे बढ़ाया।

वर्ष 1920: नागपुर। अध्यक्ष: सी. विजयराघवाचार्य
भाषायी आधार पर कॉन्ग्रेस की कार्य समितियों का पुनर्गठन।

वर्ष 1922: गया। अध्यक्ष: सी.आर. दास
सी.आर. दास और अन्य नेता INC से अलग हो गए।
स्वराज पार्टी का गठन।

वर्ष 1924: बेलगाम। अध्यक्ष: एम.के. गांधी
महात्मा गांधी की अध्यक्षता में आयोजित केवल एक सत्र।

वर्ष 1925: कानपुर। अध्यक्ष: सरोजिनी नायडू, पहली भारतीय महिला अध्यक्ष।

वर्ष 1927: मद्रास। अध्यक्ष: डॉ. एम.ए. अंसारी
चीन, ईरान और मेसोपोटामिया में भारतीयों को इस्तेमाल किये जाने के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया।
साइमन कमीशन के बहिष्कार के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया।
पूर्ण स्वराज पर संकल्प को अपनाया।

वर्ष 1928: कलकत्ता। अध्यक्ष: मोतीलाल नेहरू
अखिल भारतीय युवा कॉन्ग्रेस का गठन।

वर्ष 1929: लाहौर। अध्यक्ष: जवाहर लाल नेहरू
'पूर्ण स्वराज' पर प्रस्ताव पारित किया।
पूर्ण स्वतंत्रता के लिये सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया जाना।
26 जनवरी को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाए जाने की घोषणा।

वर्ष 1931: कराची। अध्यक्ष: वल्लभभाई पटेल
मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम पर संकल्प।
गांधी-इरविन समझौते का समर्थन।
महात्मा गांधी लंदन में होने वाले दूसरे गोलमेज सम्मेलन में INC का प्रतिनिधित्व करने के लिये नामांकित।

वर्ष 1934: बॉम्बे। अध्यक्ष: राजेंद्र प्रसाद
कॉन्ग्रेस के संविधान में संशोधन।

वर्ष 1936: लखनऊ। अध्यक्ष: जवाहर लाल नेहरू
जवाहर लाल नेहरू द्वारा समाजवादी विचारों को प्रोत्साहन दिया जाना
वर्ष 1937: फैजपुर। अध्यक्ष: जवाहर लाल नेहरू
किसी गाँव में होने वाला पहला अधिवेशन।

वर्ष 1938: हरिपुरा। अध्यक्ष: सुभाष चंद्र बोस
जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्त्व में राष्ट्रीय योजना समिति की स्थापना।

वर्ष 1939: त्रिपुरी। अध्यक्ष: राजेंद्र प्रसाद
सुभाष चंद्र बोस को फिर से चुना गया लेकिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
उनकी जगह राजेंद्र प्रसाद को नियुक्त किया गया था।

सुभाष चंद्र बोस ने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया।

वर्ष 1940: रामगढ़। राष्ट्रपति: अबुल कलाम आज़ाद

वर्ष 1941–45: यह अवधि विभिन्न घटनाओं अर्थात्- भारत छोड़ो आंदोलन, आरआईएन म्युटिनी और आईएनए द्वारा प्रभावित।
क्रिप्स मिशन, वेवेल योजना और कैबिनेट मिशन जैसी संवैधानिक वार्ताओं का चरण।
इस चरण के दौरान इन घटनाओं के कारण कॉन्ग्रेस का कोई अधिवेशन नहीं हुआ।

वर्ष 1946: मेरठ। अध्यक्ष: जेबी कृपलानी
आज़ादी से पहले का आखिरी सत्र।
जे.बी. कृपलानी स्वतंत्रता के समय INC के अध्यक्ष थे।

संविधान भारत के प्रधानमंत्री [पार्ट-1]

✍  भारत के प्रधानमंत्री [पार्ट-1]  ✍

1. प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है :
उत्‍तर- राष्‍ट्रपति
· संविधान के अनुच्‍छेद-75 के तहत प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्‍ट्रपति करता है ।

2. प्रधानमंत्री पद के लिए उम्‍मीदवार की आयु कम से कम कितनी होनी चाहिए:
उत्‍तर- 25 वर्ष

3. यदि भारत के प्रधानमंत्री संसद के उच्‍च सदन का सदस्‍य हो तो :
उत्‍तर- वे अवश्विास प्रस्‍ताव की स्थित में अपने पक्ष में वोट देने का अधिकार नहीं है ।

4. प्रधानमंत्री को उसके पद की गोपनीयता की शपथ कौन दिलाता है:
उत्‍तर- राष्‍ट्रपति

5. संघीय मंत्रिपिरषद का अध्‍यक्ष कौन होता है:
उत्‍तर- प्रधानमंत्री

6. मंत्रिपरिषद का गठन किस अनुच्‍छेद के तहत की जाती है :
उत्‍तर- अनुचछेद- 74
· संविधान के अनुच्‍छेद-74 के तहत राष्‍ट्रपति को उसके कार्यों के संपादन व सलाह देने हेतु एक मंत्रिपरिषद होती है, जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होता है ।

7. मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से किसके प्रति उत्‍तरदायी होता है :
उत्‍तर- लोकसभा के प्रति

8. किस अनुच्‍छेद के तहत प्रधानमंत्री राष्‍ट्रपति एवं मंत्रिपरिषद के बीच संवाद की मुख्‍य कड़ी होती है :
उत्‍तर- अनुच्‍छेद-78 के तहत

9. मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्‍यक्षता कौन करता है :
उत्‍तर- प्रधानमंत्री

10. संसदीय प्रणाली में वास्‍तविक कार्यपालिका शक्ति किसमें निहित होती है :
उत्‍तर- प्रधानमंत्री के पास

11. किस दल ने दो वर्ष के समय में दो प्रधानमंत्री दिए :
उत्‍तर- जनता पार्टी

12. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे :
उत्‍तर- पंडित जवाहर लाल नेहरू
· वे लगातार 16 वर्ष 9 माह 13 दिन तक (कुल 16 वर्ष 286 दिन ) प्रधानमंत्री रहे , इन्‍होंने 3 पूर्ण कार्यकालों तक प्रधानमंत्री रहे 
· जवाहर लाल नेहरू 15 अगस्‍त 1947 से 27 मई 1964 तक प्रधानमंत्री बने थे ।

13. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जिसकी कार्यकाल में मृत्‍यु हो गयी :
उत्‍तर- पं. जवाहर लाल नेहरू, इनकी मृत्‍यु 27 मई 1964 में हुई थी ।

14. अभी तक पद पर रहते हुए कितने प्रधानमंत्रियों की मृत्‍यु हुई है :
उत्‍तर- तीन
· जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादूर शास्‍त्री तथा श्रीमती इंदिरा गांधी की मृत्‍यु उनकी पदावधि के दौरान हो गयी थी ।

15. भारत के प्रथम कार्यवाहक प्रधानमंत्री कौन थे :
उत्‍तर- गुलजारी लाल नंदा
· गुलजारी लाल नंदा 27 मई 1964 से 09 जुन 1964 तक एवं 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने थे ।

16. किस प्रधानमंत्री की मृत्‍यु भारत से बाहर हुई :
उत्‍तर- लाल बहादूर शास्‍त्री
· लाल बहादूर शास्‍त्री की मृत्‍यु 11 जनवरी 1966 को भारत से बाहर ताशकंद में ताशकंद के शांति-समझौते के बाद हुई थी ।

17. भारत के प्रथम महिला प्रधानमंत्री कौन थी:
उत्‍तर- श्रीमतती इंदिरा गांधी
· वे प्रधानमंत्री बनने से पूर्व लाल बहादूर शास्‍त्री के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री थीं तथा राज्‍यसभा के सदस्‍य थीं ।
· इंदिरा गांधी पहली बार 24 जनवरी 1966से 24 मार्च 1977 तक प्रधानमंत्री बने थे तथा दूसरी बार 14 जनवरी 1980 से 31 अक्‍टुबर 1984 तक प्रधानमंत्री बनी थीं ।

18. भारत के प्रथम गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री कौन थे :
उत्‍तर- मोरारजी देसाई
· मोरारजी देसाई जनता पार्टी के गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री बने थे ।

19. लोकसभा का विश्‍वास मत प्राप्‍त किए बिना ही प्रधानमंत्री पद पर कार्य करने वाले प्रथम व्‍यक्ति कौन है :
उत्‍तर- चौधरी चरण सिंह

20. अब तक लोकसभा में प्रस्‍तुत अविश्‍वास प्रस्‍ताव सर्वाधिक बार किस प्रधानमंत्री की सरकार के खिलाफ रखे गए हैं :
उत्‍तर- इंदिरा गांधी

21. भारत के वह प्रधानमंत्री जिसने एक सांसद की हैसियत से संसद के उन सभी संयुक्‍त अधिवेशनों में उपस्थित दर्ज करायी जो स्‍वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक संपन्‍न हुए हैं :
उत्‍तर- अटल बिहारी वाजपेयी

22. प्रधानमंत्री पद से त्‍यागपत्र देने वाला भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे :
उत्‍तर- मोरारजी देसाई

23. इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनते समय कांग्रेस के अध्‍यक्ष कौन था :
उत्‍तर- के. कामराज

24. अब तक भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री कौन थे :
उत्‍तर- श्री राजीव गांधी

25. भारत के सबसे बुजुर्ग प्रधानमंत्री कौन बने हैं :
उत्‍तर- मोरारजी देसाई
· मोरारजी देसाई 83 वर्ष 23 दिन में भारत के प्रधानमंत्री बने थे ।
· उसके बाद दूसरा सबसे बुजुर्ग प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल थे ।
· इंद्र कुमार गुजराल 77 वर्ष 136 दिन में प्रधानमंत्री बने थे ।

सविधान के सभी अनुच्छेद Part -1

सविधान के सभी अनुच्छेद Part -1


अनुच्छेद 1 :- संघ कानाम और राज्य क्षेत्र

अनुच्छेद 2 :- नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना

अनुच्छेद 3 :- राज्य का निर्माण तथा सीमाओं या नामों मे परिवर्तन

अनुच्छेद 4:- पहली अनुसूचित व चौथी अनुसूची के संशोधन तथा दो और तीन के अधीन बनाई गई विधियां

अच्नुछेद 5 :- संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता

अनुच्छेद 6 :- भारत आने वाले व्यक्तियों को नागरिकता

अनुच्छेद 7 :-पाकिस्तान जाने वालों को नागरिकता

अनुच्छेद 8 :- भारत के बाहर रहने वाले व्यक्तियों का नागरिकता

अनुच्छेद 9 :- विदेशी राज्य की नागरिकता लेने पर नागरिकता का ना होना

अनुच्छेद 10 :- नागरिकता के अधिकारों का बना रहना

नुच्छेद 11 :- संसद द्वारा नागरिकता के लिए कानून का विनियमन

अनुच्छेद 12 :- राज्य की परिभाषा

अनुच्छेद 13 :- मूल अधिकारों को असंगत या अल्पीकरण करने वाली विधियां

अनुच्छेद 14 :- विधि के समक्ष समानता

अनुच्छेद 15 :- धर्म जाति लिंग पर भेद का प्रतिशेध

अनुच्छेद 16 :- लोक नियोजन में अवसर की समानता

अनुच्छेद 17 :- अस्पृश्यता का अंत

अनुच्छेद 18 :- उपाधीयों का अंत

अनुच्छेद 19 :- वाक् की स्वतंत्रता

अनुच्छेद 20 :- अपराधों के दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण

अनुच्छेद 21 :-प्राण और दैहिक स्वतंत्रता

अनुच्छेद 21 क :- 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा का अधिकार

अनुच्छेद 22 :- कुछ दशाओं में गिरफ्तारी से सरंक्षण

अनुच्छेद 23 :- मानव के दुर्व्यापार और बाल आश्रम

अनुच्छेद 24 :- कारखानों में बालक का नियोजन का प्रतिशत

अनुच्छेद 25 :- धर्म का आचरण और प्रचार की स्वतंत्रता

अनुच्छेद 26 :-धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता

अनुच्छेद 29 :- अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण

अनुच्छेद 30 :- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार

अनुच्छेद 32 :- अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार

अनुच्छेद 36 :- परिभाषा

अनुच्छेद 40 :- ग्राम पंचायतों का संगठन

अनुच्छेद 48 :- कृषि और पशुपालन संगठन

अनुच्छेद 48क :- पर्यावरण वन तथा वन्य जीवों की रक्षा

अनुच्छेद 49:- राष्ट्रीय स्मारक स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण

अनुछेद. 50 :- कार्यपालिका से न्यायपालिका का प्रथक्करण

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मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

संविधान अनुक्रमिका

Indian Constitution All Parts In One Line 

POLITY IMPORTANT TOPIC✍️

भाग I - संघ और उसके क्षेत्र(अनुच्छेद 1-4)

भाग II- नागरिकता(अनुच्छेद 5-11)

भाग III- मूलभूत अधिकार(अनुच्छेद 12 - 35)

भाग IV- राज्य के नीति निदेशक तत्व(अनुच्छेद 36 - 51)

भाग IVA- मूल कर्तव्य(अनुच्छेद 51A)

भाग V- संघ(अनुच्छेद 52-151)

भाग VI- राज्य(अनुच्छेद 152 -237)

भाग VII- संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित

भाग VIII- संघ राज्य क्षेत्र(अनुच्छेद 239-242)

भाग IX- पंचायत(अनुच्छेद 243- 243O)

भाग IXA- नगर्पालिकाएं(अनुच्छेद 243P - 243ZG)

भाग X- अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र(अनुच्छेद 244 - 244A)

भाग XI- संघ और राज्यों के बीच संबंध(अनुच्छेद 245 - 263)

भाग XII- वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद(अनुच्छेद 264 -300A)

भाग XIII- भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम(अनुच्छेद 301 - 307)

भाग XIV- संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं(अनुच्छेद 308 -323)

भाग XIVA- अधिकरण(अनुच्छेद 323A - 323B)

भाग XV- निर्वाचन(अनुच्छेद 324 -329A)

भाग XVI- कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबंध संबंध(अनुच्छेद 330- 342)

भाग XVII- राजभाषा(अनुच्छेद 343- 351)

भाग XVIII- आपात उपबंध(अनुच्छेद 352 - 360)

भाग XIX- प्रकीर्ण(अनुच्छेद 361 -367)

भाग XX- संविधान के संशोधनअनुच्छेद

भाग XXI- अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध(अनुच्छेद 369 - 392)

भाग XXII- संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन(अनुच्छेद 393 - 395)


सोमवार, 19 अप्रैल 2021

संविधान भाग -3 मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35 तक)

▪मौलिक अधिकार

▪भाग -3 मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35 तक) 
📌अमेरिका से लिये है।

▪मौलिक अधिकारों से तात्पर्य वे अधिकार जो व्यक्तियों के सर्वागिण विकास के लिए आवश्यक होते है इन्हें राज्य या समाज द्वारा प्रदान किया जाता है।तथा इनके संरक्षण कि व्यवस्था की जाती है।

📌संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 10 दिसम्बर 1948 को वैश्विक मानवाधिकारो की घोषणा की गई इसलिए प्रत्येक 10 दिसम्बर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।

📌भारतीय संविधान में 7 मौलिक अधिकारों का वर्णन दिया गया था।

1✴समानता का अधिकार - अनुच्छेद 14 से 18 तक

2✴स्वतंन्त्रता का अधिकार - अनुच्छेद 19 से 22 तक

3✴शोषण के विरूद्ध अधिकार - अनुच्छेद 23 व 24

4✴धार्मिक स्वतंन्त्रता का अधिकार - अनुच्छेद 25 से 28 तक

5✴शिक्षा एवम् संस्कृति का अधिकार - अनुच्छेद 29 और 30

6✴सम्पति का अधिकार - अनुच्छेद 31

7✴सवैधानिक उपचारो का अधिकार - अनुच्छेद 32

✴अनुच्छेद - 12 राज्य की परिभाषा

✴अनुच्छेद - 13 राज्य मौलिक अधिकारों का न्युन(अतिक्रमण) करने विधियों को नहीं बनाऐंगा।

📌44 वें संविधान संशोधन 1978 द्वारा "सम्पति के मौलिक अधिकार" को इस श्रेणी से हटाकर "सामान्य विधिक अधिकार" बनाकर 'अनुच्छेद 300(क)' में जोड़ा गया है।

📌वर्तमान में मौलिक अधिकारों की संख्या 6 है।

रविवार, 18 अप्रैल 2021

संविधान पद और न्यूनतम आयु

🔴सदस्य           न्यूनतम आयु 
   
1. लोकसभा -      25 years

2. राज्यसभा -      30 years 

3. विधान सभा -     25 years 

4. विधान परिषद -   30 years 

5. मुखिया -         21 years 

6. सरपंच -          21 years 

7. राष्ट्रपति -          35 years 

8. राज्यपाल -        35 years 

9. उपराष्ट्रपति -       35 years 

10. प्रधान मंत्री -      25 years 

11. मुख्य मंत्री -       25 years

उत्तर प्रदेश राजनीति विशेष

उत्तर प्रदेश  के  प्रथम  मुख्यमंत्री  - गोविंद वल्लभ  पंत थे।
 देश  की  पहली  महिला  मुख्यमंत्री   के  तौर  पर  सुचेता कृपलानी  उत्तर प्रदेश  के  मुख्यमंत्री  पद  पर  1963  से  1967   तक  रहीं।
 देश  की  पहली  महिला  राज्यपाल  के  तौर  पर  सरोजिनी  नायडू  ने  1947  से  1949  तक  उत्तर प्रदेश  के  राज्यपाल  के  पद  पर  कार्य  किया।

 चौधरी  चरण  सिंह  एवं  विश्वनाथ  प्रताप  सिंह  उत्तर  प्रदेश  के  ऐसे  दो  मुख्यमंत्री  हैं  जो भारत  के  प्रधानमंत्री  भी  रह  चुके  हैं।  नारायण  दत्त  तिवारी  एकमात्र  ऐसे  राजनेता  रहे  हैं  जो  उत्तर प्रदेश  के  अलावा  उत्तराखंड  के  मुख्यमंत्री  के  पद  पर  भी  रह  चुके  हैं।  उत्तर  प्रदेश  विधानसभा  के  पूर्व  अध्यक्ष  बनारसी  दास  एवं  श्रीपति  मिश्रा  उत्तर  प्रदेश  के  मुख्यमंत्री  भी  रह  चुके  हैं।
 प्रदेश  में  सर्वाधिक  बार मुख्यमंत्री  मायावती  (4 बार )  बनीं  हैं, सर्वाधिक  बार  विधानसभा  अध्यक्ष  आत्माराम  गोविंद  खरे  व  केशरी नाथ त्रिपाठी  ( 3-3 बार )  बने हैं।

 उत्तर प्रदेश  में  अब तक कुल  10  बार  राष्ट्रपति  शासन  लगाया  गया  है,  पहली  बार  राज्य  में  राष्ट्रपति  शासन  25 फरवरी 1968  से  25 फरवरी  1969  तक  लगाया  था।

बुधवार, 7 अप्रैल 2021

भारतीय संविधान के भाग

  भारतीय संविधान के भाग ✍


♦️भारतीय संविधान के 22 भाग है


◾️भाग 1 - संघ और उनका राज्यक्षेत्र


◾️भाग 2 - नागरिकता


◾️भाग 3 -  मूल अधिकार


◾️भाग 4 - राज्य की नीति के निर्देशक तत्व

🔺4 (क) मूल कर्तव्य


◾️भाग 5 - संघ


◾️भाग 6 - राज्य


◾️भाग 7 - निकाल दिया गया निरस्त कर दिया गया


◾️भाग 8 - संघ राज्य क्षेत्र


◾️भाग 9 - पंचायत


🔺9 (क) नगर पालिकाए

🔺9 (ख) सहकारी समितियां


◾️भाग - 10 - अनुसूचित जाति, जनजातीय क्षेत्र 


◾️भाग 11 - संघ और राज्यों के बीच संबंध


◾️भाग - 12 - वित्त, संपत्ती, संविदाए और वाद


◾️भाग - 13 - भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम


◾️भाग - 14 - संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं

🔺14 (क) अधिकरण


◾️भाग 15 - निर्वाचन


◾️भाग 16 - कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध


◾️भाग 17 - राज्य भाषा


◾️भाग 18 - आपात उपबंध


◾️भाग 19 - प्रकीर्ण


◾️भाग 20 - संविधान का संशोधन


◾️भाग 21 - अस्थाई, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध


◾️भाग 22 - संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिंदी में प्राधिकृत पाठ और निरसन

संसदीय और संघीय प्रणाली

 🔳 महत्वपूर्ण भारतीय राजनीति नोट्स - संसदीय और संघीय प्रणाली 🔳

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🌀प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा संसद के निचले सदन को भंग किया जा सकता है। इसलिए, सरकार के संसदीय रूप में, कार्यपालिका को विधायिका को भंग करने का अधिकार प्राप्त है।


🌀लचीले संविधान का प्रावधान संघीय सरकार से संबंधित नहीं है। उदाहरण के लिए: संविधान में संशोधन शुरू करने की शक्ति केवल केंद्र के पास है।


🌀सामूहिक जिम्मेदारी संसदीय प्रणाली की आधार प्रणाली है। मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से संसद के निचले सदन के प्रति उत्तरदायी होती है।


🌀सरकार के संसदीय रूप में, प्रधान मंत्री (राज्य के प्रमुख) द्वारा प्रधान मंत्री (सरकार के प्रमुख) की सिफारिशों पर मंत्रियों की नियुक्ति की जाती है।


🌀शक्तियों का एक भी विभाजन और एकतरफा विधायिका सरकार की एकात्मक प्रणाली की विशेषताएं नहीं हैं।


🌀सरकार के राष्ट्रपति के रूप में, राष्ट्रपति और सचिव विधायिका के लिए जिम्मेदार नहीं होते हैं।


🌀कांग्रेस के निचले सदन - राष्ट्रपति प्रतिनिधि सभा को भंग नहीं कर सकते।


🌀फ्रांस और ब्रिटेन में एकतरफा सरकार है।


🌀सरकार के कैबिनेट रूप में, निचले सदन सरकार को बिना किसी विश्वास के वीटो पारित करके निकाल सकते हैं।


🌀सरकार के राष्ट्रपति के रूप में, राष्ट्रपति एक छोटे कैबिनेट की मदद से चलता है जिसे किचन कैबिनेट कहा जाता है। यह गैर-विभागीय सचिवों का एक सलाहकार निकाय है।


🌀सरकार के संसदीय रूप में, सरकार अस्थिर है, और इसलिए, नीतियों के जारी रहने की संभावना कम है। हर नव निर्वाचित सरकार नीतियों का एक नया सेट लाती है।

लोकसभा सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

लोकसभा  सामान्य ज्ञान 


 जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित सदन को क्या कहते है— 

✅लोकसभा


 संविधान में लोकसभा के सदस्यों की मूल संख्या क्या है—

✅ 552


वर्तमान में लोकसभा में कितने सदस्य हैं—

✅ 545


 राष्ट्रपति आंग्ल-भारतीय समुदाय के कितने प्रतिनिधियों को लोकसभा में नामित कर सकता है— 

✅दो


 लोकसभा में किस आधार पर सीटें आवंटित होती है— 

✅जनसंख्या के आधार पर


वर्तमान लोकसभा में प्रत्येक राज्य के लिए स्थानों को आवंटन किस पर आधारित है— 

✅1971 की जनगणना पर


कौन-सी लोकसभा के चुनाव चार चरणों में हुए—

✅ 14वीं


लोकसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए— 

✅25 वर्ष


 कौन-सा राज्य सबसे अधिक प्रतिनिधि लोकसभा में भेजता है—

✅ उत्तर प्रदेश


 उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक संसदीय क्षेत्र किस राज्य में है—

✅ महाराष्ट्र में


किस राज्य में लोकसभा सदस्यों की संख्या

सबसे कम है— 

✅नागालैंड, सिक्किम व मिजोरम


लोकसभा का नेता कौन होता है— 

✅प्रधानमंत्री


 लोकसभा का नेता कौन होता है— 

✅लोकसभा अध्यक्ष को


भूतपूर्व सांसद सदस्यों को पेंशन व्यवस्था कब लागू की गई

✅ 1976 ई.


 लोकसभा में कम से कम कितने सत्र जरूरी होते हैं— 

✅वर्ष में दो बार


 लोकसभा को कौन भंग कर सकता है—

✅ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर


 वित्तीय बिल कहाँ पास हो सकता है—

✅लोकसभा में


 अविश्वास प्रस्ताव किस सदन में लाया जाता है— 

✅लोकसभा


बजट किसके द्वारा पारित किया जाता है— 

✅लोकसभा द्वारा


 लोकसभा के सदस्यों की निर्योग्यता से संबंधित प्रश्नों का निर्णय कौन करता है— 

✅लोकसभा अध्यक्ष


 अस्थाई लोकसभा अध्यक्ष को क्या कहते हैं— 

✅प्रोटेम स्पीकर


प्रोमेट स्पीकर की नियुक्ति कौन करता है—

✅ राष्ट्रपति

 

कितने दिनों तक अनुपस्थित रहने पर लोकसभा के सदस्य की सदस्यता समाप्त हो जाती है— 

✅2 माह


किस विधेयक को केवल लोकसभा ही पारित करती है—

✅ वित्त विधेयक


मंत्रीपरिषद् किसके प्रति उत्तरदायी होती है— 

✅लोकसभा के


 किस अवस्था में संसद लोकसभा का कार्यकाल बढ़ा सकती है— 

✅आपातकाल की स्थिति में


संसद एक बार में लोकसभा के कार्यकाल में कितने समय के लिए वृद्धि कर सकती है— 

✅1 वर्ष के लिए


किस वर्ष लोकसभा का कार्यकाल एक-एक करके दो बार बढ़ाया गया— 

✅1976 में


 राजनीतिक शब्दावली में ‘शून्य काल’ का अर्थ क्या है— 

✅प्रश्नोत्तर सत्र


यदि कोई व्यक्ति राज्सभा का सदस्य है तो क्या वह लोकसभा में अपना वक्तव्य दे सकता है— 

✅हाँ


 लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव कौन करता है— 

✅लोकसभा सदस्य


 लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष कौन नियुक्त करता है— 

✅राष्ट्रपति


लोकसभा अध्यक्ष अपना त्याग पत्र किसे देता है— 

✅लोकसभा उपाध्यक्ष को


 निर्णायक मत देने का अधिकार किसको है— 

✅लोकसभा अध्यक्ष को


 लोकसभा का सचिवालय किससे नियंत्रित होता है— 

✅लोकसभा अध्यक्ष


भारत के प्रथम लोकसभा अध्यक्ष कौन थे— 

✅जी. वी. मावलंकर


 भारतीय संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता कौन करता है— 

✅लोकसभा अध्यक्ष


लोकसभा में किसी विधेयक को धन विधेयक के रूप में कौन प्रमाणित करता है— 

✅लोकसभा अध्यक्ष


किस समिति का पदेन अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष होता है— 

✅नियम समिति


लोकसभा महासचिव की नियुक्ति कौन करता है— 

✅लोकसभा स्पीकर


 कोई स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया—

✅ के. एस. हेगड़े


 लोकसभा का जनक किसे माना जाता है— 

✅जी. वी. मावलंकर


 लोकसभा के प्रथम उपाध्यक्ष कौन थे— 

✅अनंतशयनम आपंगर


किस लोकसभा अध्यक्ष का कार्यकाल सबसे लंबा रहा—

✅ बलराम जाखड़


लोकसभा के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में लोकसभा की अध्यक्षता कौन करता है— 

✅लोकसभा का वरिष्ठतम् सदस्य


 राष्ट्रमंडल अध्यक्षों के सम्मेलन का पदेन महासचिव कौन होता है— 

✅लोकसभा महासचिव


भारत के लोकसभा अध्यक्ष किस देश के हाऊस ऑफ कॉमंस के अध्यक्ष की तरह होते हैं— 

✅इंग्लैंड के


लोकसभा का सचिवालय किसके प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण का कार्य करता है—

 ✅लोकसभा अध्यक्ष


 भारत की प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष कौन हैं— 

✅मीरा कुमार

महान्यायवादी (Attorney General) विवरण

  महान्यायवादी (Attorney General)



संविधान के अनुच्छेद 76 में भारत के महान्यायवादी पद की व्यवस्था की गई है। वह देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है हालांकि वो केंद्रीय कैबिनेट या मंत्रिमंडल का सदस्य नहीं होता है।



वर्तमान में भारत के न्याय वादी के के वेणुगोपाल हैं जिनकी नियुक्ति तत्कालीन राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने 30 जून, 2017 को की थी। श्री वेणुगोपाल भारत के 15 वें महान्यायवादी हैं।



श्री एम.सी. सीतलवाड भारत के प्रथम महान्यायवादी थे। इनका कार्यकाल सबसे लंबा था। श्री सोली सोराबजी जो कि 7 वें महान्यायवादी थे, इनका कार्यकाल सबसे छोटा था।



नियुक्ति - महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।



योग्यताएं - महान्यायवादी की नियुक्ति के लिए वही योग्यताएं होनी चाहिए जो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश  की नियुक्ति के लिए होती है।यथा - 


1. वह भारत का नागरिक हो।


2. उसे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काम करने का 5 वर्षों का अनुभव हो

 

या


3. किसी उच्च न्यायालय में वकालत का 10 वर्षों का अनुभव हो।


या


4. राष्ट्रपति के मतानुसार वह न्यायिक मामलों का योग्य व्यक्ति हो।



कार्यकाल - महान्यायवादी के कार्यकाल को संविधान द्वारा निश्चित नहीं किया गया है। इसके अलावा संविधान में उसको हटाने को लेकर भी कोई मूल व्यवस्था नहीं दी गई है। वह अपने पद पर राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत तक बने रह सकता है। उसे राष्ट्रपति द्वारा किसी भी समय हटाया जा सकता है। वह राष्ट्रपति को कभी भी अपना त्यागपत्र सौंपकर पद मुक्त हो सकता है। परंपरा यह है कि जब सरकार त्यागपत्र दे देे या उसे बदल दिया जाए तो उसे त्यागपत्र देना होता है क्योंकि उसकी नियुक्ति सरकार की सिफारिश से ही होती है।



संविधान में महान्यायवादी का पारिश्रमिक तय नहीं किया गया है उसे राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक मिलता है।



कार्य एवं शक्तियां - 


1. भारत सरकार को विधि संबंधी ऐसे विषयों पर सलाह दे जो राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए हो।


2. विधिक स्वरूप से ऐसे अन्य कर्तव्यों का पालन करें जो राष्ट्रपति के द्वारा सौंपे गए हो।


3. संविधान या किसी अन्य विधि द्वारा प्रदान किए गए कृत्यों का निर्वहन करना।


 राष्ट्रपति महान्यायवादी को निम्नलिखित कार्य सौंपता है - 


1. भारत सरकार से संबंधित मामलों को लेकर उच्चतम न्यायालय में भारत सरकार की ओर से पेश होना।


2. संविधान के अनुच्छेद 143 के तहत राष्ट्रपति के द्वारा उच्चतम न्यायालय में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना।


3. सरकार से संबंधित किसी मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई का अधिकार।



पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान केंद्र सरकार द्वारा एक प्रस्ताव रखा गया जिसमें कहा गया कि महान्यायवादी के पद को विधि मंत्री में मिला दिया जाए, इसे स्वीकार नहीं किया गया।



अधिकार - 


1. भारत के किसी भी क्षेत्र में किसी भी अदालत में महान्यायवादी को सुनवाई का अधिकार है।


2. उसको संसद के दोनों सदनों में बोलने या कार्यवाही में भाग लेने या दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में भाग लेने का अधिकार है लेकिन उसे मताधिकार प्राप्त नहीं है।


3. एक संसद सदस्य की तरह उसे सभी भत्ते एवं विशेषाधिकार मिलते हैं।



मर्यादाएं - 


1. वह भारत सरकार के खिलाफ कोई सलाह या विश्लेषण नहीं कर सकता।


2. जिस मामले में उसे भारत सरकार की ओर से पेश होना है उस पर वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकता है।


3. बिना भारत सरकार की अनुमति के वह किसी आपराधिक मामले में व्यक्ति का बचाव नहीं कर सकता।


4. बिना भारत सरकार की अनुमति के वह किसी परिषद या कंपनी के निदेशक का पद ग्रहण नहीं कर सकता।

संविधान सभी अनुच्छेद


 सारे अनुच्छेद एक साथ Indian Constitution 


 अनुच्छेद 1  :- संघ कानाम और राज्य क्षेत्र

 अनुच्छेद 2  :- नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना

 अनुच्छेद 3  :- राज्य का निर्माण तथा सीमाओं या नामों मे

परिवर्तन

 अनुच्छेद 4  :- पहली अनुसूचित व चौथी अनुसूची के संशोधन तथा दो और तीन के अधीन बनाई गई विधियां

 अच्नुछेद 5  :- संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता

 अनुच्छेद 6  :- भारत आने वाले व्यक्तियों को नागरिकता

 अनुच्छेद 7  :-पाकिस्तान जाने वालों को नागरिकता

 अनुच्छेद 8  :- भारत के बाहर रहने वाले व्यक्तियों का नागरिकता

 अनुच्छेद 9  :- विदेशी राज्य की नागरिकता लेने पर नागरिकता का ना होना

 अनुच्छेद 10  :- नागरिकता के अधिकारों का बना रहना

 अनुच्छेद 11  :- संसद द्वारा नागरिकता के लिए कानून का विनियमन

 अनुच्छेद 12  :- राज्य की परिभाषा

 अनुच्छेद 13  :- मूल अधिकारों को असंगत या अल्पीकरण करने वाली विधियां

 अनुच्छेद 14  :- विधि के समक्ष समानता

 अनुच्छेद 15  :- धर्म जाति लिंग पर भेद का प्रतिशेध

 अनुच्छेद 16  :- लोक नियोजन में अवसर की समानता

 अनुच्छेद 17  :- अस्पृश्यता का अंत

 अनुच्छेद 18  :- उपाधीयों का अंत

 अनुच्छेद 19  :- वाक् की स्वतंत्रता

 अनुच्छेद 20  :- अपराधों के दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण


 अनुच्छेद 21  :-प्राण और दैहिक स्वतंत्रता

 अनुच्छेद 21 क  :- 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा का अधिकार

 अनुच्छेद 22  :- कुछ दशाओं में गिरफ्तारी से सरंक्षण

 अनुच्छेद 23  :- मानव के दुर्व्यापार और बाल आश्रम

 अनुच्छेद 24  :- कारखानों में बालक का नियोजन का प्रतिशत

 अनुच्छेद 25  :- धर्म का आचरण और प्रचार की स्वतंत्रता


 अनुच्छेद 26  :-धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता

 अनुच्छेद 29  :- अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण

 अनुच्छेद 30  :- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार

 अनुच्छेद 32  :- अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार

 अनुच्छेद 36  :- परिभाषा

 अनुच्छेद 40  :- ग्राम पंचायतों का संगठन

 अनुच्छेद 48  :- कृषि और पशुपालन संगठन

 अनुच्छेद 48क  :- पर्यावरण वन तथा वन्य जीवों की रक्षा

 अनुच्छेद 49:-  राष्ट्रीय स्मारक स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण

 अनुछेद. 50  :- कार्यपालिका से न्यायपालिका का प्रथक्करण

 अनुच्छेद 51  :- अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा

 अनुच्छेद 51क  :- मूल कर्तव्य

 अनुच्छेद 52  :- भारत का राष्ट्रपति

 अनुच्छेद 53  :- संघ की कार्यपालिका शक्ति

 अनुच्छेद 54  :- राष्ट्रपति का निर्वाचन

 अनुच्छेद 55  :- राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीती

 अनुच्छेद 56  :- राष्ट्रपति की पदावधि

 अनुच्छेद 57  :- पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता

 अनुच्छेद 58  :- राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए आहर्ताए

 अनुच्छेद 59  :- राष्ट्रपति पद के लिए शर्ते

 अनुच्छेद 60  :- राष्ट्रपति की शपथ

 अनुच्छेद 61  :- राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया

 अनुच्छेद 62  :- राष्ट्रपति पद पर व्यक्ति को भरने के लिए निर्वाचन का समय और रीतियां

 अनुच्छेद 63  :- भारत का उपराष्ट्रपति

 अनुच्छेद 64  :- उपराष्ट्रपति का राज्यसभा का पदेन सभापति होना

 अनुच्छेद 65  :- राष्ट्रपति के पद की रिक्त पर उप राष्ट्रपति के कार्य

 अनुच्छेद 66  :- उप-राष्ट्रपति का निर्वाचन

 अनुच्छेद 67  :- उपराष्ट्रपति की पदावधि

 अनुच्छेद 68  :- उप राष्ट्रपति के पद की रिक्त पद भरने के लिए निर्वाचन

 अनुच्छेद69  :- उप राष्ट्रपति द्वारा शपथ


 अनुच्छेद 70  :- अन्य आकस्मिकता में राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन

 अनुच्छेद 71 . :- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधित

विषय

 अनुच्छेद 72  :-क्षमादान की शक्ति

 अनुच्छेद 73  :- संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार

 अनुच्छेद 74  :- राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद

 अनुच्छेद 75  :- मंत्रियों के बारे में उपबंध

 अनुच्छेद 76  :- भारत का महान्यायवादी

 अनुच्छेद 77  :- भारत सरकार के कार्य का संचालन

 अनुच्छेद 78  :- राष्ट्रपति को जानकारी देने के प्रधानमंत्री के

कर्तव्य

 अनुच्छेद 79  :- संसद का गठन

 अनुच्छेद 80  :- राज्य सभा की सरंचना


 अनुच्छेद 81  :- लोकसभा की संरचना

 अनुच्छेद 83  :- संसद के सदनो की अवधि

 अनुच्छेद 84  :-संसद के सदस्यों के लिए अहर्ता

 अनुच्छेद 85  :- संसद का सत्र सत्रावसान और विघटन

 अनुच्छेद 87  :- राष्ट्रपति का विशेष अभी भाषण

 अनुच्छेद 88  :- सदनों के बारे में मंत्रियों और महानयायवादी

अधिकार

 अनुच्छेद

89  :-राज्यसभा का सभापति और उपसभापति

 अनुच्छेद 90  :- उपसभापति का पद रिक्त होना या पद हटाया

जाना

 अनुच्छेद 91  :-सभापति के कर्तव्यों का पालन और शक्ति

 अनुच्छेद 92  :- सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का

संकल्प विचाराधीन हो तब उसका पीठासीन ना होना

 अनुच्छेद 93  :- लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष

 अनुचित 94  :- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना

 अनुच्छेद 95  :- अध्यक्ष में कर्तव्य एवं शक्तियां

 अनुच्छेद 96  :- अध्यक्ष उपाध्यक्ष को पद से हटाने का संकल्प हो तब

उसका पीठासीन ना होना

 अनुच्छेद 97  :- सभापति उपसभापति तथा अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के

वेतन और भत्ते

 अनुच्छेद 98  :- संसद का सविचालय

 अनुच्छेद 99  :- सदस्य द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान

 अनुच्छेद 100  - संसाधनों में मतदान रिक्तियां के होते हुए भी

सदनों के कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति


अनुच्छेद 108  :- कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक

 अनुत्छेद 109  :- धन विधेयक के संबंध में विशेष प्रक्रिया

 अनुच्छेद 110  :- धन विधायक की परिभाषा

 अनुच्छेद 111  :- विधेयकों पर अनुमति

 अनुच्छेद 112  :- वार्षिक वित्तीय विवरण

 अनुच्छेद 118  :- प्रक्रिया के नियम

 अनुच्छेद 120  :- संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा

 अनुच्छेद 123  :- संसद विश्रांति काल में राष्ट्रपति की अध्यादेश शक्ति

 अनुच्छेद 124  :- उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन

 अनुच्छेद 125  :- न्यायाधीशों का वेतन

 अनुच्छेद 126  :- कार्य कार्य मुख्य न्याय मूर्ति की नियुक्ति

 अनुच्छेद 127  :- तदर्थ न्यायमूर्तियों की नियुक्ति

 अनुच्छेद 128  :- सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उपस्थिति

 अनुच्छेद 129  :- उच्चतम न्यायालय का अभिलेख नयायालय होना

 अनुच्छेद 130  :- उच्चतम न्यायालय का स्थान


 अनुच्छेद 131  :- उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता

 अनुच्छेद 137  :- निर्णय एवं आदेशों का पुनर्विलोकन

 अनुच्छेद 143  :- उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की

राष्ट्रपति की शक्ति

 अनुच्छेद144  :-सिविल एवं न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा

उच्चतम न्यायालय की सहायता

 अनुच्छेद 148  :- भारत का नियंत्रक महालेखा परीक्षक

 अनुच्छेद 149  :- नियंत्रक महालेखा परीक्षक के कर्तव्य शक्तिया

 अनुच्छेद 150  :- संघ के राज्यों के लेखन का प्रारूप

 अनुच्छेद 153  :- राज्यों के राज्यपाल

 अनुच्छेद 154  :- राज्य की कार्यपालिका शक्ति

 अनुच्छेद 155  :- राज्यपाल की नियुक्ति

 अनुच्छेद 156  :- राज्यपाल की पदावधि

 अनुच्छेद 157  :- राज्यपाल नियुक्त होने की अर्हताएँ

 अनुच्छेद 158  :- राज्यपाल के पद के लिए शर्तें

 अनुच्छेद 159  :- राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान

 अनुच्छेद 163  :- राज्यपाल को सलाह देने के लिए मंत्री परिषद

 अनुच्छेद 164  :- मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध

 अनुच्छेद 165  :- राज्य का महाधिवक्ता

 अनुच्छेद 166  :- राज्य सरकार का संचालन

 अनुच्छेद 167  :- राज्यपाल को जानकारी देने के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य

 अनुच्छेद 168  :- राज्य के विधान मंडल का गठन

 अनुच्छेद 170  :- विधानसभाओं की संरचना

 अनुच्छेद 171  :- विधान परिषद की संरचना

 अनुच्छेद 172  :- राज्यों के विधानमंडल कि अवधी

 अनुच्छेद 176  :- राज्यपाल का विशेष अभिभाषण

 अनुच्छेद 177  सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार

 अनुच्छेद 178  :- विधानसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष

 अनुच्छेद 179  :- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना या

पद से हटाया जाना

 अनुच्छेद 180  :- अध्यक्ष के पदों के कार्य व शक्ति


 अनुच्छेद 181  :- अध्यक्ष उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई

संकल्प पारित होने पर उसका पिठासिन ना होना

 अनुच्छेद 182  :- विधान परिषद का सभापति और उपसभापति

 अनुच्छेद 183  :- सभापति और उपासभापति का पद रिक्त होना

पद त्याग या पद से हटाया जाना

 अनुच्छेद 184  :- सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन व शक्ति

 अनुच्छेद 185  :- संभापति उपसभापति को पद से हटाए जाने का

संकल्प विचाराधीन होने पर उसका पीठासीन ना होना

 अनुच्छेद 186  :- अध्यक्ष उपाध्यक्ष सभापति और उपसभापति

के वेतन और भत्ते

 अनुच्छेद 187  :- राज्य के विधान मंडल का सविचाल.

 अनुच्छेद 188  :- सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान

 अनुच्छेद 189  :- सदनों में मतदान रिक्तियां होते हुए भी साधनों का कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति

 अनुच्छेद 199  :- धन विदेश की परिभाषा

 अनुच्छेद 200  :- विधायकों पर अनुमति

 अनुच्छेद 202  :- वार्षिक वित्तीय विवरण

 अनुच्छेद 213  :- विध

ानमंडल में अध्यादेश सत्यापित करने के

राज्यपाल की शक्ति

 अनुच्छेद 214  :- राज्यों के लिए उच्च न्यायालय

 अनुच्छेद 215  :- उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना

 अनुच्छेद 216  :- उच्च न्यायालय का गठन

 अनुच्छेद 217  :- उच्च न्यायालय न्यायाधीश की नियुक्ति

पद्धति शर्तें

 अनुच्छेद 221  :- न्यायाधीशों का वेतन


 अनुच्छेद 222  :- एक न्यायालय से दूसरे न्यायालय में

न्यायाधीशों का अंतरण

 अनुच्छेद 223  :- कार्यकारी मुख्य न्याय मूर्ति के नियुक्ति

 अनुच्छेद 224  :- अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति

 अनुच्छेद 226  :- कुछ रिट निकालने के लिए उच्च न्यायालय की शक्ति

 अनुच्छेद 231  :- दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना

 अनुच्छेद 233  :- जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति

 अनुच्छेद 241  :- संघ राज्य क्षेत्र के लिए उच्च-न्यायालय


 अनुच्छेद 243  :- पंचायत नगर पालिकाएं एवं सहकारी समितियां

 अनुच्छेद 244  :- अनुसूचित क्षेत्रो व जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन

 अनुच्छेद 248  :- अवशिष्ट विधाई शक्तियां

 अनुच्छेद 252  :- दो या अधिक राज्य के लिए सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति

 अनुच्छेद 254  :- संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडल द्वारा बनाए गए विधियों में असंगति

 अनुच्छेद 256  :- राज्यों की और संघ की बाध्यता

 अनुच्छेद 257  :- कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण

 अनुच्छेद 262  :- अंतर्राज्यक नदियों या नदी दूनों के जल संबंधी

विवादों का न्याय निर्णय

 अनुच्छेद 263  :- अंतर्राज्यीय विकास परिषद का गठन

 अनुच्छेद 266  :- संचित निधी

 अनुच्छेद 267  :- आकस्मिकता निधि

 अनुच्छेद 269  :- संघ द्वारा उद्ग्रहित और संग्रहित किंतु राज्यों

को सौपे जाने वाले कर

 अनुच्छेद 270  :- संघ द्वारा इकट्ठे किए कर संघ और राज्यों के

बीच वितरित किए जाने वाले कर

 अनुच्छेद 280  :- वित्त आयोग

 अनुच्छेद 281  :- वित्त आयोग की सिफारिशे

 अनुच्छेद 292  :- भारत सरकार द्वारा उधार लेना

 अनुच्छेद 293  :- राज्य द्वारा उधार लेना

&अनुच्छेद 300 क  :- संपत्ति का अधिकार

 अनुच्छेद 301  :- व्यापार वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता

 अनुच्छेद 309  :- राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तों

 अनुच्छेद 310  :- संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि

 अनुच्छेद 313  :- संक्रमण कालीन उपबंध

 अनुच्छेद 315  :- संघ राज्य के लिए लोक सेवा आयोग

 अनुच्छेद 316  :- सदस्यों की नियुक्ति एवं पदावधि

 अनुच्छेद 317  :- लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य को हटाया

जाना या निलंबित किया जाना

 अनुच्छेद 320  :- लोकसेवा आयोग के कृत्य

 अनुच्छेद 323 क  :- प्रशासनिक अधिकरण

 अनुच्छेद 323 ख  :- अन्य विषयों के लिए अधिकरण

 अनुच्छेद 324  :- निर्वाचनो के अधिक्षण निर्देशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना

 अनुच्छेद 329  :- निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालय के

हस्तक्षेप का वर्णन

 अनुछेद 330  :- लोक सभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिये स्थानो का आरणण

 अनुच्छेद 331  :- लोक सभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का

प्रतिनिधित्व

 अनुच्छेद 332  :- राज्य के विधान सभा में अनुसूचित जाति और

अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण

 अनुच्छेद 333  :- राज्य की विधानसभा में आंग्ल भारतीय

समुदाय का प्रतिनिधित्व

 अनुच्छेद 343  :- संघ की परिभाषा

 अनुच्छेद 344  :- राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति

 अनुच्छेद 350 क  :- प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की

सुविधाएं

 अनुच्छेद 351  :- हिंदी भाषा के विकास के लिए निर्देश

 अनुच्छेद 352  :- आपात की उदघोषणा का प्रभाव

 अनुछेद 356  :- राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने की

दशा में उपबंध

 अनुच्छेद 360  :- वित्तीय आपात के बारे में उपबंध

 अनुच्छेद 368  :- सविधान का संशोधन करने की संसद की

शक्ति और उसकी प्रक्रिया

 अनुच्छेद 377  :- भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक के बारे में

 उपबंध 

 अनुच्छेद 378  :- लोक सेवा आयोग के बारे: