अनुवादक

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2022

“ जीवन की यात्रा में तनाव है तो जीवन शून्य है ” कहानी ~ नमः वार्ता


🔆💥 जय श्री राम 🔆💥
 जीवन की यात्रा में तनाव है तो जीवन शून्य है 


पति-पत्नी प्रतिदिन साथ में तय समय पर एक ही ट्रेन में सफर करते थे। एक युवक और था, वो भी उसी ट्रेन से सफर करता था, वो पति-पत्नी को प्रतिदिन देखता। ट्रेन में बैठकर पति-पत्नी ढेरों बातें करते। पत्नी बात करते-करते स्वेटर बुनती रहती।

उन दोनों को जोड़ी एकदम परफेक्ट थी। एक दिन जब पति-पत्नी ट्रेन में नहीं आए तो उस युवक को थोड़ा अटपटा लगा, क्योंकि उसे प्रतिदिन उन्हें देखने की गुण हो चुकी थी। करीब 1 महीने तक पति-पत्नी ने उस ट्रेन में सफर नहीं किया। युवक को लगा संभवतः वे कहीं बाहर गए होंगे।

 एक दिन युवक ने देखा कि केवल पति ही ट्रेन में यात्रा कर रहा है, साथ में पत्नी नहीं है। पति का चेहरा भी उतरा हुआ था, अस्त-व्यस्त कपड़े और बड़ी हुई दाढ़ी। युवक से रहा नहीं गया और उसने जाकर पति से पूछ ही लिया- आज आपकी पत्नी साथ में नहीं है।
पति ने कोई उत्तर नहीं दिया। युवक ने एक बार पुनः पूछा- आप इतने दिन से कहां थे, कहीं बाहर गए थे क्या? इस बार भी पति ने कोई उत्तर नहीं दिया। युवक ने एक बार पुनः उनकी पत्नी के बारे में पूछा। पति ने उत्तर दिया- वो अब इस दुनिया में नहीं है, उसे कैंसर था।

 ये सुनकर युवक को अचानक झटका लगा। पुनः उसने संभलकर और बातें जाननी चाहीं। पति ने युवक से कहा कि- पत्नी को लास्ट स्टेज का कैंसर था, चिकित्सक भी उम्मीद हार चुके थे। ये बात वो भी जानती थी, लेकिन उसकी एक जिद थी कि हम ज्स्मरणा से ज्स्मरणा समय साथ में बिताएं।

 इसलिए प्रतिदिन जब मैं ऑफिस जाता तो वो भी साथ में आ जाती। मेरे ऑफिस के निकट वाले स्टेशन पर हम उतर जाते, वहां से मैं अपने ऑफिस चला जाता और वो घर लौट आती थी। पिछले महीने ही उसकी डेथ हुई है। इतना कहकर पति खामोश हो गया।
तय स्टेशन पर पति ट्रेन से उतर गया। अचानक युवक का ध्यान उसके स्वेटर पर पड़ी। उसने देखा कि ये तो वही स्वेटर है जो उसकी पत्नी ट्रेन में बुना करती थी, उसकी एक बाजू अभी भी अधूरी थी, जो संभवतः उसकी पत्नी बुन नहीं पाई थी। पति-पत्नी का असीम प्रेम उस स्वेटर में झलक रहा था-संकलित

 पति-पत्नी का रिश्ता अटूट होता है, केवल मौत ही उन्हें अलग कर सकती है। पत्नी अपने पति का हर सुख-दुख में साथ देती है तो पति भी पत्नी को दुनिया की हर प्रसन्नी देना चाहता है। यही इस रिश्ते का सबसे खूबसूरत आभास है इसलिए साथ रहते हुए प्रसन्नी-प्रसन्नी जीवन बिताएं। कल जो आएगा उसका प्रतीक्षा न करे ,आज ही जी भर कर जियें। 
प्रेषक-
 दिनेश बरेजा 

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