🔆💥 जय श्री राम 🔆💥
Tension नही Attention
एक सेठ अपने बगीचे से बहुत प्रेम करते थे वसंत आते ही उनके बगीचे मे हर तरह के फूलों ने अपनी छटा बिखेर दी।
सुंदर सुंदर फूलों के बीच जब सेठ जंगली फूलों को देखते तो उदास हो जाते सेठ ने उन जंगली फूलों को उखाड़कर फेंक दिया लेकिन कुछ दिनों बाद वे जंगली फूल फिर उग आए।
सेठ ने सोचा क्यों न इन पर दवा का प्रयोग किया जाए फिर उन्हें किसी जानकार ने बताया कि इस तरह तो अच्छे फूलों के नष्ट होने का संभावना भी है। तब सेठ ने निराश होकर अच्छे अनुभवी माली की सलाह ली ।
माली ने कहा अच्छी चीजों के साथ बुरी चीजें जीवन के अनिवार्य नियमों मे शामिल है । जहाँ बहुत सी बातें अच्छी होती है वहाँ कुछ अनचाही कठिनाइयां और पीड़ा भी पैदा हो जाती है। मेरी मानो सेठजी तो तुम इन्हें अनदेखा करना सीखों। यही प्रसन्न होने का सर्वोत्तम उपाय है।
इन फूलों की तुमने कोई इच्छा तो नही की थी लेकिन अब वे तुम्हारे बगीचे का हिस्सा बन गये है यह जीवन ऐसा ही है इसे स्वीकार करके ही तुम प्रसन्न हो सकते हो। यदि गुणों का लाभ उठाना चाहते हो तो अवगुणों को सहन करना ही होगा..!
एक साधु 50 साल से एक ही जगह बैठकर रोज पूजा पाठ करता था.
"वत्स.!
तुम 50 साल से पूजा पाठ कर रहे हो, लेकिन तुम्हारी एक भी पूजा स्वीकार नही हुई"
साधु के साथ बैठने वाले दूसरे भक्तों को भी दु:ख हुआ कि, यह साधु 50 साल से पूजा पाठ कर रहे है और इनकी एक भी पूजा स्वीकार नही हुई.
भगवान यह तेरा कैसा न्याय.?
लेकिन साधु दु:खी होने के बजाय प्रसन्नता से नाचने लगा.
दुसरे लोगो ने साधु को देखकर आश्चर्य हुआ.
एक साथी साधु से बोला : बाबा, आपको तो दु:ख होना चाहिए कि आपकी 50 साल कि पूजा व्यर्थ गई.!
साधु ने उत्तर दिया : " मेरी 50 साल की पूजा भले ही स्वीकार ना हुई हो, तो क्या हुआ...!!! लेकिन भगवान को तो पता है ना कि मैँ 50 साल से उनकी पूजा कर रहा हूँ " इसलिए मित्रों जब आप मेहनत करते हो और फल ना मिले तो दुखी मत होना, क्युकिँ भगवान को तो पता है ही कि आप मेहनत कर रहे है, इसलिए फल तो अवश्य देगें..!!
प्रेषक-दिनेश बरेजा
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