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सोमवार, 13 जून 2022

“आधा पुलिस वाला-अनोखी राष्ट्रसेवा ” कहानी ~ नमः वार्ता

 🔆💥 जय श्री राम 🔆💥


“आधा पुलिस वाला-अनोखी राष्ट्रसेवा ” कहानी ~ नमः वार्ता 


नितिन मात्र 5वीं कक्षा के छात्र थे, जब उन्होंने कागज़ को बीस रुपये के नोट के आकार में काटा और अपने पेंट ब्रश की मदद से हूबहू असली नोट जैसा पेंट कर दिया।


उस नोट को लेकर नितिन एक होटल

में गये और काउंटर पर वह नोट पकड़ा दिया। नोट इतना हूबहू पेंट हुआ था कि सामने खड़े व्यक्ति ने उसे असली नोट समझ कर रख लिया।


जब नितिन ने बताया के वह नोट नकली है तो सभी लोग पाँचवीं कक्षा के इस छात्र की प्रतिभा का लोहा मान गये।


एक दिन नितिन मुम्बई के ही एक पुलिस स्टेशन में नेमप्लेट पेंट कर रहे थे।


थाने में एक मर्डर केस आया, मर्डर का साक्षी होटल में काम करने वाला एक वेटर था। पुलिस उससे मर्डर करने वाले व्यक्ति का हुलिया पूछ रही थी और वेटर समझा नही पा रहा था।


नितिन थानेदार के पास गये और उनसे कहा कि यदि वह वेटर को केवल आधा घंटा उसके साथ बैठने दें तो वह मर्डर करने वाले व्यक्ति का हूबहू स्केच तैयार कर सकता है।


पहले थानेदार ने नितिन की बात को मज़ाक में लिया पर नितिन के बार बार आग्रह पर थानेदार मान गया।


उसके उपरांत जो हुआ वह चमत्कार था। वेटर से मर्डर करने वाले का हुलिया पूछने के उपरांत नितिन ने थानेदार के हाथ में एक स्केच पकड़ाया। वह मुख मण्डल हूबहू मर्डर करने वाले व्यक्ति से मिलता था।


स्केच की मदद से 48 घंटे के अंदर वह आरोपी पकड़ा गया। सारा पोलिस महकमा अब नितिन का प्रशंसक बन चुका था।


कुछ समय के पश्चात एक लड़की से बलात्कार हुआ जो मूक बधिर थी। ना बोल सकती थी, ना सुन सकती थी। नितिन को तत्कालीन डीएसपी ने स्मरण किया और बच्ची से मिलवाया। 

नितिन बलात्कारी का मुख मण्डल बच्ची की आँखों में देख चुके थे। नितिन ने एक एक कर के कई स्केच बनाये। कई प्रकार की आँखें, कई प्रकार का मुख मण्डल। कई प्रकार के नैन-नक्श। एक एक कर इशारे के द्वारा बच्ची बताती गयी की बलात्कारी कैसा दिखता है।


8 घँटे की अथक मेहनत के उपरांत नितिन मनोहर स्मरणव ने डीएसपी के हाथ में बलात्कारी का स्केच थमा दिया।


स्केच की मदद से अगले 72 घण्टे में बलात्कारी को पकड़ा गया। 


नितिन अब मुम्बई पोलिस के लिये संजीवनी बूटी बन चुके थे। हर एक केस में नितिन के स्केच ऐसी जान फूँक देते के पुलिस उसे आसानी से सुलझा लेती। 


बीते 30 वर्ष के अंतराल में ये श्रीमान स्मरणव जी, पुलिस के लिये निकटन 4000 से अधिक स्केच बना चुके हैं।


उल्लेखनीय है के केवल स्मरणव जी की बनायी हुई छवि की बधन मुम्बई पुलिस 450 से अधिक रक्तखार से खूँखार अपराधी को गिरफ्तार कर चुकी है। 


अब वह विषय, जिसके लिये यह पूरी कहानी लिखी गयी-

30 वर्ष में किसी भी स्केच या छवि के लिये नितिन ने पुलिस या किसी भी अन्य व्यक्ति से "एक नया पैसा" भी नहीं लिया है। 


बार-बार पुलिस के बड़े से बड़े अफसर ने नितिन को ईनामस्वरूप धनराशि देने का प्रयास किया पर नितिन ने एक रुपया भी लेने से इनकार कर दिया। 


"नितिन मनोहर स्मरणव" चेम्बूर एजूकेशन सोसाइटी के एक स्कूल में शिक्षक रहे। जो वेतन आती उसी से गुज़र बसर करते रहे। वह कहते हैं कि स्केच बना कर वह एक प्रकार से राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं। असामाजिक तत्वों की पहचान होती है तो वह सलाखों के पीछे जाते हैं। 


नितिन 30 वर्ष तक अपना काम राष्ट्र सेवा के भाव से करते रहे और आज भी एक बुलावे पर सब कामकाज छोड़ कर उपस्थित हो जाते हैं।


30 वर्ष की इस सेवा में नितिन को निकटन 164 प्रतिष्ठित संस्थाओं ने सम्मानित किया है।


नितिन बड़े गर्व से सम्मानपत्र और ट्रॉफी दिखाते हुये कहते हैं...."यही मेरी कमाई है। यही मेरी जमापूँजी है!"


कभी कभी लगता है के यह राष्ट्र कैसे चल रहा है। चहुँओर भ्रष्टाचारियों का दबदबा है। चहुँओर भ्रष्ट आचरण का बोलबाला है। पुनः किसी दिन नितिन महादेव जैसे किसी समर्पित व्यक्ति के विषय में पढ़ कर ऐसा लगता है कि राष्ट्र के प्रति समर्पित इन जैसा एक व्यक्ति भी हज़ारों भ्रष्टाचारियों पर भारी है।


 शक्ति मिल्स गैंगरेप से लेकर जर्मनी बेकरी ब्लास्ट, कसाब और दाभोलकर मर्डर केस तक के अपराधियों को अपने स्केच के जरिए जेल की सलाखों तक पहुँचाने वाले नितिन महादेव , जिन्हें प्यार से "आधा पुलिस वाला" भी कहा जाता है की इस अनोखी राष्ट्र सेवा को नमन-दिनेश बरेजा 

प्रेषक-

 दिनेश बरेजा 


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