आमेर का राजा मानसिंह ( जिसे हिन्दू इतिहास में ग़द्दार कहा जाता है ) अगर वह नही होते - तो आज भारत मे एक भी हिन्दू नही बचता :- मानसिंह जी द्वारा किये गए कार्यो पर संक्षेप में लिख रहा हूँ :- विस्तार से बाद में लिखेंगे ।
●बंगाल, बिहार, पूर्वीउप , झारखंड आदि को इस्लामिल दासता से मुक्त करने वाले मानसिंह ही थे।
●गुजरात को इस्लामिक दासता से मुक्त मानसिंह ने करवाया।
●गुजरात का द्वारिकाधीश तीर्थ मस्जिद से पुनः मन्दिर बनवाया।
●काशी-अयोध्या के मंदिर का उद्धार किया, लेकिन ओरंगेजब ने पुनः तोड़ डाला ।
●वृंदावन में गोविन्ददेव जी के मंदिर का निर्माण करवाया ।
●मध्यएशिया तूरान ( ईरान, इराक, तुर्की) तक विजय प्राप्त की ।
●बिहार ने गयाजी के मंदिर का उद्धार उन्होंने ही किया ।
●पटना, काशी , हरिद्वार के घाटों का निर्माण राजा मानसिंह ने करवाया ।
●काशी में विश्वस्तरीय हॉस्पिटल बनवाया । आज भी उसके अवशेष मानमंदिर काशी में है।
●ज्वालादेवी मंदिर , जिसे फिरोजशाह तुगलक ने तोड़ डाला था, उसका उद्धार किया।
●उड़ीसा के जगन्नाथपुरी मंदिर सहित 7000 मंदिरो की रक्षा की ।
●रामायण लिखने में तुलसीदासजी को पूरा सरंक्षण दिया
।
●पूरे भारत से हिंदुओ पर जजिया कर , धर्म परिवर्तन, मंदिर टूटने का बोझ हटा दिया ।
●पाकिस्तान के रामतीर्थ का भी उद्धार किया ।
बहुत से कार्य तो मैं लिख ही नही पाया , पोस्ट ज़्यादा लंबी नही करनी इसलिए।
मानसिंह पर मात्र हल्दीघाटी का दाग है, तो भारत की जनता ही सोचे, मेवाड़ जीतते, तो पूरा भारत हार जाते, मेवाड़ महत्वपूर्ण था, या पूरा भारत ?
कहते है भारतीय एक हो जाते तो हारते नही, भई खानवा के युद्ध मे हिन्दू एक ही थे । फिर भी हारे .... तो ऐसी बातें सिर्फ कल्पना है, युद्ध मे भाग्यवान ही जीतता है, वीरता धरी रह जाती है ।। भाग्य साथ अगर नही हो ...
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