अनुवादक

बुधवार, 7 अप्रैल 2021

कुतुबुद्दीन ऐबक घोड़े से गिर कर मरा था यह तो सब जानते हैं, लेकिन कैसे?

 कुतुबुद्दीन ऐबक घोड़े से गिर कर मरा था

 यह तो सब जानते हैं, 

लेकिन कैसे?


यह आज हम आपको बताएंगे..


वो वीर महाराणा प्रताप जी का 'चेतक' सबको याद है,

लेकिन 'शुभ्रक' नहीं!


तो मित्रो आज सुनिए 

कहानी 'शुभ्रक' की......


सूअर कुतुबुद्दीन ऐबक ने राजपूताना में जम कर कहर बरपाया, 


और

 उदयपुर के 'राजकुंवर कर्णसिंह' को बंदी बनाकर लाहौर ले गया।



*कुंवर का 'शुभ्रक' नामक एक स्वामिभक्त घोड़ा था,


जो कुतुबुद्दीन को पसंद आ गया और वो उसे भी साथ ले गया।


एक दिन कैद से भागने के प्रयास में कुँवर सा को सजा-ए-मौत सुनाई गई.. 


और सजा देने के लिए 'जन्नत बाग' में लाया गया। 


यह तय हुआ कि 

*राजकुंवर का सिर काटकर उससे 'पोलो' (उस समय उस खेल का नाम और खेलने का तरीका कुछ और ही था) खेला जाएगा..

.

कुतुबुद्दीन ख़ुद कुँवर सा के ही घोड़े 'शुभ्रक' पर सवार होकर अपनी खिलाड़ी टोली के साथ 'जन्नत बाग' में आया।



'शुभ्रक' ने जैसे ही कैदी अवस्था में राजकुंवर को देखा, 

उसकी आंखों से आंसू टपकने लगे। 


जैसे ही सिर कलम करने के लिए कुँवर सा की जंजीरों को खोला गया, 


तो 'शुभ्रक' से रहा नहीं गया.. 


उसने उछलकर कुतुबुद्दीन को घोड़े से गिरा दिया 


और उसकी छाती पर अपने मजबूत पैरों से कई वार किए, 


*जिससे कुतुबुद्दीन के प्राण पखेरू उड़ गए!

इस्लामिक सैनिक अचंभित होकर देखते रह गए.. 



मौके का फायदा उठाकर कुंवर सा सैनिकों से छूटे और 'शुभ्रक' पर सवार हो गए। 


'शुभ्रक' ने हवा से बाजी लगा दी.. 


*लाहौर से उदयपुर बिना रुके दौडा और उदयपुर में महल के सामने आकर ही रुका!*


राजकुंवर घोड़े से उतरे और अपने प्रिय अश्व को पुचकारने के लिए हाथ बढ़ाया, 


*तो पाया कि वह तो प्रतिमा बना खडा था.. उसमें प्राण नहीं बचे थे।



*सिर पर हाथ रखते ही 'शुभ्रक' का निष्प्राण शरीर लुढक गया..



*भारत के इतिहास में यह तथ्य कहीं नहीं पढ़ाया जाता



 क्योंकि वामपंथी और मुल्लापरस्त सेक्युलर लेखक  ऐसी दुर्गति वाली मौत को बताने से हिचकिचाते हैं । आज के युग मे इन्हें पक्के सेक्युलर कहते है , जिन्होंने अपने गौरव पूर्ण इतिहास को बेइज्जती के साथ लिख कर देश की जनता में परोसा है ।


जबकि 

*फारसी की कई प्राचीन पुस्तकों में कुतुबुद्दीन ऐबक की मौत इसी तरह लिखी बताई गई है।* परन्तु हमारे देश के सेक्युलर कांग्रेसी और बामपंथी बरबाद कर रख दिये है ।


नमन स्वामीभक्त 'शुभ्रक' को..


वन्दे मातरम, जय श्री राम🚩

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