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लघु सिंचाई विभाग में बजट को लगाया जा रहा ठिकाने।
इनबेलरिंग से मशीन बोरिंग योजना के तहत नही कराये गए धरातल पर काम, कागजो पर पूर्ण कराकर बजट को लगाया जा रहा ठिकाने।
मीडियम ड्रिप योजना के तहत छह इंची पाइप की बोरिंग कराये जाने के लिए किसानों को दिया जाता है अनुदान,लेकिन विभागीय मिलीभगत से अनुदान का पैसा फर्जी दिखकार निकालने में हो रहे सफल।
जिन किसानों के बोर हैं उनसे साठगांठ करके सरकारी पैसा का किया गया बंदरबांट।
सतही पम्पसेट योजना पर भी जमकर खेला गया खेल।
सतही पम्प सेट योजना के तहत 25 से लेकर 50 प्रतिशत तक दिया जाता है अनुदान।
लेकिन यहां भी खूब हो रहा बंदरबांट।
ब्लास्टकूप निर्माण योजना के तहत नए कूप तो नही बनवाये गए लेकिन पुराने कूपो को ही दिखकार निकाला गया पैसा।
यहाँ तक पुराने कूपो का मरम्मतीकरण भी नही कराया गया ,फिर भी पैसा निकला।
सूत्रों की माने तो मनरेगा के तहत खुदे तालाबो में ठेकेदारी प्रथा से हुआ घोटाला।
मजदूरों का जॉबकार्ड दिखकार फर्जी तरीके से निकाला गया पैसा।
जॉबकार्ड धारक को भी कमिसन सेट कर निकाला गया पैसा।
सरकारी योजनाओ पर लगा रहे विभागीय अधिकारी पालिदा।
अगर धरातल पर सभी योजनाओं का हो क्रियान्वयन होता तो बुंदेलखंड के धर्मनगरी चित्रकूट के किसान हो जाता खुशहाल।
फर्जी तरीके से हुए कार्यो पर यदि हुई जांच बड़े-बड़े और घोटाले आएंगे सामने।
लेकिन जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी नही लिया जा रहा कोई संज्ञान।
*रिपोर्ट-सुरेन्द्र सिंह कछवाह ब्यूरो दै0 जन्म प्रसारण टाइम्स चित्रकूट*
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