सभी जातियां अगर क्षत्रिय थी तो शुद्र कौन थे, और शुद्र थे ही नही सब क्षत्रिय हीं थे, तो आज फिर आरक्षण किस बात का लें रहें है?? और सभी क्षत्रिय हीं थे तो हथियार उठाने से मना किसने किया था??
एक तरफ खुद को क्षत्रिय होने का दावा करते हो और दुसरी तरफ शोषण होने का रोना रोते हो??
#ठाकरा_की_होड़_तो_कदे_बि_कोण_होवें___
एक दौर था जब सबके बच्चे घर में माँ के आंचल में आराम से सोते थे और राजपूतों के बच्चें रणभूमि में दुश्मन की तलवारों से टकरा कर धर्म कि रक्षा करते थे, एक समय था कि क्षत्रिय के खानदान में 10,12 साल से ऊपर के बच्चें जीवित हीं नहीं रहें,
उमर महज 11 या 12 बरस लेकिन जब दुश्मन के गले पर वार करते थे तो तलवार को एक ही हाथ से आर पार कर देते थे, सबके बच्चे 5 साल की उमर में अपने माँ बाप के साए में बड़े होते थे वही राजपूतो के कई बालक इस उमर में अपने पिता को रणक्षेत्र में खो चुके थे,
तथा अपनी माता को जौहर कुंड में कूदते देख चुके थे,
जब रात के पहले पहर में सब लोग घरों के दरवाजे बंद करके रजाई ओढ़कर सोते थे, तब राजपूतों के कई मासूम अपने देश की रक्षा का भार ओढ़े गहन चिंता में डूबे रहते थे।
जनाब क्षत्रिय होना आसान नही है, एक तरफ सोशल मीडिया पर क्षत्रिय बन कर घुम रहे हो, क्षत्रिय बनने कि शौक भी पाले हो और दूसरे तरह इसी क्षत्रियो को निचा दिखा कर गाली भी देते हो????
@ॐ_नमः_वार्ताः!
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