अनुवादक

रविवार, 18 अप्रैल 2021

हेनले पासपोर्ट सूचकांक 2021 (Henley Passport Index 2021)

हेनले पासपोर्ट सूचकांक 2021

(Henley Passport Index 2021) 

हाल ही में जारी हेनले पासपोर्ट सूचकांक (Henley Passport Index), 2021 में भारतीय पासपोर्ट को 85वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।

प्रमुख बिंदु: 

हेनले पासपोर्ट सूचकांक:

हेनले पासपोर्ट सूचकांक विश्व के सभी देशों के पासपोर्ट्स की रैंकिंग को दर्शाता है, इस सूची में किसी पासपोर्ट को इस आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है कि पासपोर्ट धारक बिना पूर्व वीजा के कितने देशों की यात्रा कर सकता है।

मूल रूप से डॉ. क्रिश्चियन एच. केलिन (हेनले एंड पार्टनर्स के अध्यक्ष) द्वारा बनाई गई यह रैंकिंग पूरी तरह से 'इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन' (International Air Transport Association- IATA) के डेटा पर आधारित है, जो विश्व में यात्राओं का सटीक और सबसे बड़ा डेटाबेस रखता है। 

इसे वर्ष 2006 में लॉन्च किया गया था और इसमें 199 पासपोर्ट शामिल हैं।

नवीनतम रैंकिंग:  

शीर्ष रैंक धारक:

जापान इस सूचकांक में अपना स्थान (1st) बनाए रखने में सफल रहा, जापानी पासपोर्ट धारक विश्व भर के 191 देशों  में पूर्व वीज़ा के बिना भी यात्रा कर सकते हैं।

इस सूचकांक में सिंगापुर (190 के स्कोर के साथ) दूसरे स्थान पर और जर्मनी तथा  दक्षिण कोरिया  (189 के स्कोर के साथ) सामूहिक रूप से तीसरे स्थान पर रहे।

पारंपरिक रूप से इस सूचकांक में यूरोपीय संघ के देशों, ब्रिटेन या अमेरिका शीर्ष स्थान पर रहे हैं। परंतु इस वर्ष एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश विश्व के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट वाले देशों के रूप में उभरे हैं क्योंकि इनमें कुछ ऐसे देश शामिल हैं, जहाँ COVID-19 महामारी से उबरने की प्रक्रिया सबसे पहले शुरू की गई थी।

निचली रैंक वाले देश:

सीरिया, इराक और अफगानिस्तान क्रमशः 29, 28 और 26 के स्कोर के साथ सबसे खराब पासपोर्ट वाले देश बने हुए हैं।

भारत का प्रदर्शन:

 इस सूचकांक में भारत 58 के स्कोर के साथ 85वें स्थान पर रहा।

भारतीय पासपोर्ट का प्रदर्शन इससे पहले वर्ष 2020 (84वें) और वर्ष 2019 (82वें) में बेहतर रहा था।

पड़ोसी देशों के साथ तुलना:

इस सूचकांक में पाकिस्तान को 107वाँ और नेपाल को 104वाँ स्थान प्राप्त हुआ।

संबंधित सरकारी पहल:

सरकार द्वारा अधिक-से-अधिक देशों के साथ संबंधों को मज़बूती प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि भारतीय यात्रियों को वीज़ा मुक्त यात्रा, आगमन पर वीज़ा (वीज़ा ऑन अराइवल) और ई-वीज़ा जैसी सुविधाएँ आसानी से मिल सकें और भारतीय नागरिकों के लिये अंतर्राष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाया जा सके।

हालाँकि वीज़ा जारी करना और इससे जुड़ी प्रक्रिया संबंधित देश का संप्रभु एवं व्यक्तिगत निर्णय है, परंतु भारतीय नागरिकों के लिये आसान तथा उदारीकृत वीज़ा नीति के मामले को द्विपक्षीय बैठकों में एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अन्य देशों के साथ नियमित रूप से उठाया जाता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें