अनुवादक

गुरुवार, 18 जून 2020

#असली_क्षत्राणी के कुछ व्यक्तिगत विचार।

#असली_क्षत्राणी🚩
विधवा विवाह पर बात निकली है तो मे भी एक क्षत्राणी होने के नाते अपने विचार रखना चाहती हूँ! 
आप लोगो को शर्म आनी चाहिये आप लोग स्वयं को रजपुत कहते हो 😡
किस क्षत्राणी की कोख से जन्म लिया है आपने, किसका दुध पिया है, हम मॉ पद्मनि,हाडी रानी, जयवन्ता मॉ की संताने है, हम उन सतियो की संताने हैं जिन्होने केवल हथलेवा जुडने और मन मे किसी को पति स्वीकार करने के बाद भी यदि उस पुरुष को कुछ हो जाता था तो वो सती हो जाती थी, पहले औरते विधवा नही होती थी क्या, वो भी तो जीवन काटती थी ना तो अब क्या हो गया है, 
यह सही बात है कि अब जिवन काटना मुश्किल हो गया है क्यो????? 
कभी सोचा हैं? 
क्योंकि लोगो की भावना और नियत मे खोट आ गई है, और यह खोट पुरूषो मे ही आई है, जहॉ कहीं अकेली और बेबस औरत दिखती हैं उसे घटिया नजर से देखने लगते है, घर परिवार में कोई विधवा है तो नजर उसकी जायदाद पर रहती हैं, विधवा विवाह की बात वो लोग करते है जिनकी बाजुओ मे एक लाचार औरत की रक्षा करने का बल नही हो, और ये बडे बडे संगठन बनाकर रजपुती की बात करते है, कायर😡😡😡
अगर आप सच मे समाज का भला चाहते हैं तो हम क्षत्राणीयो की ठेकेदारी बंद करे और समाज के ठेकेदार बनना बंद करे और अगर एसी महिलाओं के लिये सच मे पीडा है तो उनके रक्षक बने भक्षक नही, इतनी उर्जा तो पुरूषो मे रजपुती भरने ओर उनकी नियत साफ रखने मे लगाईये🙏🏻
आपकी नजर मे आप पुनर्विवाह कहते होगे, लेकिन हमारे यहॉ तो इसे नाता जाना ही कहते हैं, 
वाह रे  वीर क्षत्रीयो, अब असे दिन तुम्हारे कि अपनी बहन बेटियो को नाते देने लग गये!
कहॉ गई तुम्हारी रजपूती
अगर तुम रक्षा करने मे असमर्थ हो तो घर मे बेठो हम क्षत्राणीयो का खुन अभी पानी नही हुआ है, हमारी रक्षा हम स्वयं कर सकते है, एसे कायरो से उम्मीद भी क्या रखनी! 
और यह बताइये दुसरा विवाह कराओगे ईश्वर की लीला वह पुरूष भी नही रहा तो फिर तीसरा, चौथा,...... कितने???? 
हम क्षत्राणी एक बार जिसे मन मे बसा लेती है ना तो फिर यह सिंदुर, बिन्दी, मेहंदी कोई श्रंगार नही गवाह है पवित्र प्रेम का और ईसिलिये पति के ना रहने पर यह सब स्वत:ही छुट जाता है कि अब श्रंगार किसको दिखाये यही पवित्रता है! 

कभी किसी क्षत्राणी के सामने उसके दुसरे विवाह की बात करके देखना, यदि वो खानदानी रजपुतानी होगी ना तो दो खीच के तमाचा मारेगी 😡😡
कायरो बहन बेटियो को नाते देने से अच्छा तो यह है कि उन्हे पढाओ, योग्य बनाओ ओर उसकी एसा सहारो बनो की वो तुम्हीरे कारण निश्चिन्त होकर अपना जीवन आसान बना सके, उसके उपर से अपनी गिद्ध द्रष्टी हटाओ! 
और. एक मेहरबानी करना अगर कोई काम ना हो तो अपने दोनो हाथ बांधकर घर मे बेठे रहो पर यु समाज का मजाक ना बनाये
थोडी तो रजपुती रखो किस कोम से हो भगवान ने इस कोम मे जन्म दिया है तो आपके पुर्व जन्म के अच्छे कर्मो के कारण
यु पुर्वजो के बलिदानो को दाग मत लगाओ, विधवा विवाह की घटिया सोच रखते हो तो ये समाज मे खडे होकर पद्मनि का भाषण क्यो देते हो 
याद करो====
🚩जिनके कुल की कुल ललनाएँ कुल का मान बढाती, 
अपने कुल की लाज बचाने लपटो मे जल जाती, यश अपयश समजाती🚩
मुझे गर्व है कि मे एक क्षत्राणी हुँ, और मे हर परिस्थिति का सामना करने की हिम्मत रखती हूँ, और किसी को यह हक नही देती कि वो मेरे भविष्य का फैसला मेरे आत्मसम्मान और स्वाभिमान को चोट पहुचाकर करे, अगर हमारे साथ कोई अप्रिय घटना होती भी है तो यह उस परमपिता ईश्वर की इच्छा और उसकी इच्छा के आगे कुछ नहीं 
लेकिन एक बार फिर से कहुगी
हम क्षत्राणीयो की ठेकेदारी आप लोग ना करे बाजुये आपकी कमजोर हुई हैं, रजपुती आप लोगो की मरी है हमारी नही,,,,जो मेरी इस पोस्ट से शहमत है वो शेयर जरूर,,, करें,,,

#असली_राजपूतानी

                          @ॐ_नमः_वार्ताः!

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