#बुद्ध_की_आड़_में_वामपंथी______
एक समुदाय पाखंड का ही दूसरा नाम है, इस समुदाय की विशेषता ये है कि ये एक इस्तेमाल होने वाला समुदाय है।
बुद्ध को भगवान् नहीं मानते हैं मगर उनके नाम पर मंदिर बना कर धंधा करते हैं।
क्या इन फर्जी बौद्ध बने लोगों को पता भी है कि गौतम बुद्ध, भगवान राम के पुत्र कुश की 75वीं पीढी में जन्मे थे।
महाभारत युद्ध,रामायण इत्यादि को काल्पनिक बताते है मगर एकलव्य की घटना को सच मानते है।
ब्राह्मण शब्द का अर्थ तक नही जानते हैं, मगर ये भी नही जानते कि बुद्ध को ज्ञान कहां से मिला था।
अम्बेडकर का असली सरनेम नही जानते मगर बात बात पर अम्बेडकर की दुहाई देते है।
संविधान की किताब कभी खोलकर नही देखी और भीमराव अम्बेडकर को संविधान निर्माता घोषित कर दिया जो वो नही है, खुद गृह मंत्रालय ने RTI के जवाब में कहा,
क्षत्रियों से नफरत करते है मगर दूसरी तरफ क्षत्रिय राजा महाराज शुद्बोधन के पुत्र भगवान बुद्ध की ही पूजा करते है।
पैसे के लालच में कभी हिन्दू से बौद्ध, बौद्ध से ईसाई, ईसाई से मुसलमान बनते है, इतने भूंखे है पैसों के,
अपनी जमात में ऊंच नीच फैलाते है कि हम ऊंचे चर्मकार तुम नीचे चर्मकार, चर्मकार पासी से शादी नही करता, पासी भंगी से, भंगी महार से…सब एक दूसरे को नीच मानते है, खुद का घर नही सुधार पाए मगर आरोप ब्राह्मण पर लगाते है।
संत रविदास का फोटो लगाते है लेकिन राम कृष्ण को गाली देते है जबकि रविदास मीराबाई के गुरु तथा कृष्ण भक्त थे।
सम्भाजी से खुद को जोड़ते है और माँ दुर्गा को वैश्या कहते है जबकि सम्भाजी शिवाजी के पुत्र और तुलजा भवानी के उपासक थे।
मुस्लिम को अपना डीएनए वाला बताते है जबकि म्यांमार, जापान, चीन, श्रीलंका के बौद्ध मुस्लिम से नफरत करते हैं।
कुल मिलाकर भीमटे नकली बौद्ध हैं, इनके पाखंड की रोज पोल खुलती है, सावधान रहिये, सबको ये संदेश भेजिए ताकि इन लोगो के खिलाफ देश एक हो सके।
@ॐ_नमः_वार्ताः!
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