अनुवादक

गुरुवार, 18 जून 2020

दारू/ वियर पर कुछ बातें।


जय माता जी सा आज कुछ शराब के मुद्दे पे बात करते है

आप अपना मन्त्व्य जरुर देना

मे आप सें कुछ सवाल करती हुकम टीख है

आप को उसके जवाब देने है अगर आप ने (हा )
मे जवाब दिया तोह आप से बड़े बुद्धिजीवी इन्सान है ही नही इस
दुनिया मे तोह चलो हुकम सुरु करते है

1॰ क्या आपकी पत्नी/बहन बीमार हो, आप उसे डाक्टर के पास ले जाये ओर देखे कि डाक्टर साहब अपनी टेबल पर दारू कि बोतल रख कर, पेग लगा रहे है। तो क्या आप उस डाक्टर पर भरोसा कर अपनी बीमार पत्नी/बहन को दिखाओगे क्या हुकम।।।।।हा या ना

2. किसी दिन आप अपनी नन्ही बिटिया को ट्यूशन पढ़ाने मास्टर के घर जाओ ओर देखो मास्टर साहब "भर ल्याई कलाली दारू दखा रो" गीत का टेप पर बजा कर नशे मे झूम रहें है। क्या आप अपनी बिटिया को उसके हवाले कर आओगे क्या हुकम
हा या ना

3॰ आप अपने बेटे का स्कूल में एडमिशन करवाने जाओ ओर देखो प्रिंसिपल साहब के कमरे मे विभिन्न वेराइटियों के शराब की बोतले सजी हो। क्या ऐसे स्कूल में बेटे को पढ़ाओगए हुकम
हा या ना

4॰ क्या आप नशे मे झूमते ड्रायवर के साथ गाड़ी में बैठ कर सफर करोगे हुक्म हा या ना

5॰ कोई बिजनीस का सौदा करते समय, सामने वाला दारू के नशे में फुल टल्ली हो रहा हो तो क्या उसकी बात का भरोसा करोगे हुक्म हा या ना

किसी भी समझदार इनसान का उपरोक्त हर प्रश्न का उत्तर "ना" ही होगा। 

जब आप दारुडीए पर भरोसा नहीं करते हैं तो जरा सोचिए आप दारू पीते हो, दारू की महिमा गाते हो, दारू की बोतलें सजा सजा कर घर मे रखते हो,

दारू  किसी भी समाज  की शान नहीं, उसकी कमजोरी है। अन्य समाज आपकी इस कमजोरी का फ़ायदा उठाता आया है। यह समाज  की बरबादी का मुख्य कारण है। 

दारू पैर की जूती है, एक मनोरन्जन करने वाली वेश्या है। इसे देवी बता बता कर अब ओर अपना विनाश मत करो। 

     
                          @ॐ_नमः_वार्ताः!

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