कभी आपको बस की सबसे पीछे वाली सीट पर बैठने का मौका लगा है l यदि नही ; तो कभी गौर करना l और हाँ ; तो आपने महसूस किया होगा कि पीछे की सीट पर धक्के ज्यादा महसूस होते है l चालक तो सबके लिए एक ही है l बस की गति भी समान है l फिर ऐसा क्यों ? साहब जिस बस में आप सफर कर रहे है उसके चालक से आपकी दूरी जितनी ज्यादा होगी - आपकी यात्रा में धक्के भी उतने ही ज्यादा होंगे l
आपकी जीवन यात्रा के सफर में भी जीवन की गाड़ी के चालक #परमपिता से आपकी दूरी जितनी ज्यादा होगी आपको ज़िन्दगी में #धक्के उतने ही ज्यादा खाने पड़ेंगे l अपनी रोज़ की दिनचर्या में यथासंभव कुछ समय अपने #आराध्य के समीप बैठो और उनसे अपने मन की बात एकदम साफ शब्दों में कहो l आप स्वयं एक अप्रत्याशित चमत्कार महसूस करेंगे।
कोशिश करके देखिए अपना अनुभव बस सीताराम.
@ॐ_नमः_वार्ताः!
धन्यवाद
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