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गुरुवार, 18 जून 2020

21 जून खण्ड सूर्य ग्रहण पर आचार्य रजनेश त्रिवेदी का लेख......

।। ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः।।
        ।। खण्ड सूर्य ग्रहण ।।

             आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या रविवार तद्नुसार 21 जून को खण्डग्रास सूर्य ग्रहण ( चूड़ामणियोग ) युक्त लगेगा जो भारत में दिखाई देगा । यह खण्डग्रास सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में प्रारंभ होगा एवं उसकी समाप्ति अर्थात मोक्ष आर्द्रा नक्षत्र से होगी । सार्वभौमिक परिदृश्य में इसका समय ( भारतीय स्टैण्डर्ड टाईम ) के अनुसार ग्रहण का स्पर्श घं० ९ मि० १६ पर होगा । मध्य घं० १२ मि० १० पर एवं मोक्ष घं० १५ मिनट ४ पर होगा। 
                  श्री शुभ संवत् २०७७ शाके १९४२, आषाढ़ कृष्ण अमावस्या रविवासरे (२१/६/२०२०) काश्यां खण्डग्रास सूर्यग्रहण विवरण( प्रचलित घड़ी के अनुसार )
ग्रहण का स्पर्श दिन में 
१० बजकर ३१ मिनट से
ग्रहण का मध्य दिन में
१२ बजकर १८ मिनट
ग्रहण का मोक्ष दिन में
२ बजकर ४ मिनट

👉 काशी में इस खण्डसूर्य ग्रहण का सूतक १२ घंटा पूर्व अर्थात २० जून शनिवार की रात १०/३१ बजे से प्रारम्भ हो जायेगा। शास्त्र नियमों के अनुसार इसका पालन किया जायेगा।

👉 राशियों पर ग्रहण का प्रभाव,
मेष- श्री: प्राप्ति
वृष- क्षति
मिथुन- घात:
कर्क- हानि
सिंह - लाभ:
कन्या - सुखम
तुला- अपमान
वृश्चिक - मृत्यु तुल्य कष्ट
धनु- पीड़ा
मकर - सौख्यं
कुंभ - चिंता
मीन - व्यथा
ग्रहण काल के दौरान पूजन, खाना,पानी, सोना आदि निषेध होगा। रोगी, बुजुर्ग और बच्चों के लिए यह नियम नहीं होगा। इस दौरान ईश्वर की आराधना करें।इस दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और ग्रहण की समाप्ति के बाद खुलेंगे।दोपहर तीन बजे के बाद मंदिर की साफ-सफाई के बाद भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खुलेंगे।
खण्ड सूर्यग्रहण के समय श्री महामृत्युंजय मंत्र या ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें।

       आचार्य रजनेश त्रिवेदी
         आचार्य संदीप त्रिवेदी
 (श्री अनामिज्योति आश्रम वाटिका)
                                 @ॐ_नमः_वार्ताः!

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