भारत के आठ समुद्र तटों को प्रतिष्ठित 'ब्लू फ्लैग' (Blue Flag) अंतर्राष्ट्रीय ईको-लेबल के लिये अनुशंसित किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
वर्ष 1986 के बाद से 100 देशों में मनाए गए 'इंटरनेशनल कोस्टल क्लीन-अप डे' (International Coastal Clean-Up Day) की पूर्व संध्या पर बोलते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने बताया कि पहली बार ब्लू फ्लैग प्रमाणन (Blue Flag Certification) के लिये भारत के आठ तटों की सिफारिश की गई है।
ब्लू फ्लैग प्रमाणन
(Blue Flag Certification):
ब्लू फ्लैग प्रमाणन, विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल है जो एक अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी 'फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन, डेनमार्क' (Foundation for Environment Education, Denmark) द्वारा प्रदान किया जाता है।
यह चार प्रमुख घटकों- पर्यावरण शिक्षा एवं सूचना, नहाने वाले जल की गुणवत्ता, पर्यावरण प्रबंधन एवं संरक्षण और सुरक्षा एवं सेवाओं में 33 कठोर मानदंडों के आधार पर प्रदान किया जाता है।
'ब्लू फ्लैग' (Blue Flag):
'ब्लू फ्लैग' समुद्र तटों का एक ईको-टूरिज़्म मॉडल है जो समुद्र तट के पर्यटकों को नहाने के लिये स्वच्छ जल, सुविधाओं, सुरक्षित एवं स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के साथ क्षेत्र के सतत् विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
भारत ने एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन (ICZM) परियोजना के तहत अपना इको-लेबल 'बीच एनवायरमेंट एंड एस्थेटिक्स मैनेजमेंट सर्विस' (Beach Environment and Aesthetics Management Services- BEAMS) की भी घोषणा की है।
भारत सरकार ने तटीय एवं समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण, सुरक्षा एवं प्रबंधन के लिये वर्ष 2010 में एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन परियोजना (Integrated Coastal Zone Management Project- ICZM Project) शुरू की है।
BEAMS के तहत सुझाए गए आठ समुद्र तटों में गुजरात में शिवराजपुर, दमन एवं दीव में घोघला और कर्नाटक में कासरकोड एवं पदुबिद्री (Padubidri), केरल में कप्पड़, आंध्र प्रदेश में रूशीकोंडा, ओडिशा में गोल्डन और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में राधा नगर शामिल हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें